महाराष्ट्र

पहले नाबालिग का रेप, फिर एक ही शादी, 4 बच्चे भी हुए; कोर्ट ने 40 साल बाद सुनाया फैसला

मुंबई में 40 साल पहले हुए रेप केस पर कोर्ट में अब आया फैसला। सत्र अदालत ने 70 साल के व्यक्ति (दाऊद बंदू खान नाय पापा) को बुरी तरह से कर दिया, जिसे मुंबई पुलिस ने नाबालिग लड़की के बलात्कार और अधर्म के आरोप में इसी साल मई में गिरफ्तार किया था। इस मामले में स्टार्क खान की पत्नी थी। बुज़ुर्ग की सास की याचिका के आधार पर 1984 में डीबी मार्ग पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। इसके अनुसार, लड़की (जिसकी अब डेथ हो चुकी है) नेचर को घर से बाहर निकलने के लिए भाग लेने के लिए कॉल किया, मगर वह कभी वापस नहीं लौटी। डीबी मार्ग पुलिस ने मुगल की मां की याचिका के आधार पर खान के खिलाफ धारा 363 (अपहरण के लिए सजा) और धारा 376 (यौन उत्पीड़न के लिए सजा) के तहत मामला दर्ज किया था।

कोर्ट ने खान को बरी करते हुए कहा कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। दरअसल, यह मामला दर्ज के बाद ही खान आगरा से अलग हो गया था। वह 1986 से ही बबले थे, जिसे देखते हुए उन्होंने अपने गैर-जमानती वारंट जारी किए थे। बुज़ुर्ग के वकील का कहना था कि उसे ग़रीब ग़रीब मामले में फंसाया गया है। ध्यान देने वाली बात यह है कि सिक्के और कंकाल अब जीवित नहीं हैं। ऐसे में कोर्ट ने बेंचमार्क की चचेरी बहन और एक गवाह के बयान पर भरोसा जताया। इन दोनों ने कोर्ट को बताया कि खान और लड़की रोमांटिक अंदाज़ में थे। इसके बारे में उनके परिवार वालों को पता था।

दोनों के 4 बच्चे हुए, इनमें से 2 की मौत

रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों एक साथ भागे थे और बाद में उन्होंने शादी कर ली। इनमें से 4 बच्चे और वे सभी आगरा में रहे। अब तक उनके 2 बच्चों की भी मौत हो चुकी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसा कोई सबूत पेश नहीं किया गया है जिससे यह साबित हो कि जिस लड़की के साथ बातचीत हुई थी वह नाबालिग थी। यह मामला 1984-1985 के बीच सत्र अदालत में आया था। आज अभियोजन पक्ष के अधिकांश गवाह या तो लापता हैं या उनकी मृत्यु हो गई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रिचर्ड एम देशपांडे ने फैसला सुनाते हुए कहा, ‘यह मामला तो बहुत पुराना है। प्राकृतिक संपदा में है। इसलिए केश को अनुमति दी जाती है। यह भी साबित नहीं हुआ कि नाबालिग ने नाबालिग लड़की का अपहरण कर लिया और उसके साथ निजी तौर पर यौन संबंध बनाए।

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