बांग्लादेश में आदिवासियों पर हिंसा के विरोध में जुलूस के दौरान मची उथल-पुथल
महाराष्ट्र के जलगांव शहर में शुक्रवार को उस समय तनाव पैदा हो गया, जब हिंदू संगठन की ओर से निकाले गए जुलूस के दौरान गाड़ियों की शोरूम पर कुछ पत्थर फेंके गए। अधिकारियों ने बताया कि बांग्लादेश में विद्रोहियों के विरुद्ध विद्रोह हो रहा था। इसका आयोजन विभिन्न संगठनों के संयुक्त संगठन सकल हिंदू समाज की ओर से किया गया। इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘यह घटना जलगांव में आज सुबह सकल हिंदू समाज द्वारा बांग्लादेश में हिंदुओं द्वारा हिंसा के विरोध में शहर के बीच जुलूस निकाला गया।’ कुछ अज्ञात लोगों ने दोपहिया वाहन शोरूम पर कुछ पत्थर फेंके।’ उन्होंने बताया कि इस घटना में शोरूम का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया।
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘सकल हिंदू समाज की ओर से विरोध प्रदर्शन में भाग लिया गया।’ बाद में ‘स्टालिनी पोर्टफोलियो कार्यालय’ में शामिल हो गए और अपने-अपने पद पर आसीन हो गए।’ उन्होंने बताया कि घटना के कारण कुछ समय के लिए तनाव पैदा हो गया था, लेकिन स्थानीय पुलिस के हस्तक्षेप के बाद स्थिति पर नियंत्रण कर लिया गया। अधिकारी ने कहा कि वस्तुत: शहर में सहयोगियों की नियुक्ति की गई है। जलगांव शहर मुंबई से 400 किलोमीटर से अधिक दूर स्थित है। सकल हिंदू समाज की ओर से नासिक जिले में भी इसी तरह का विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया। कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस तैनात की गई।
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा में वृद्धि
शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की हिंसा में वृद्धि का आकलन किया गया है। बांग्लादेश नेशनल हिंदू ग्रैंड अलायंस नाम के एक गैर-राजनीतिक हिंदू धार्मिक संगठन ने दावा किया है कि अल्पसंख्यक समुदाय को 5 अगस्त से 48 साल पहले 278 में 278 स्थानों पर डंके की चोट और धमाकियों का सामना करना पड़ा था। बांग्लादेश के गृह मंत्रालय के नवनियुक्त सलाहकार ने अल्पसंख्यकों पर हमले करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की श्रेणी तैयार की है। इसमें कहा गया है कि देश में हिंसा या घृणा के लिए कोई जगह नहीं है। ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) एम. सखावत हुसैन ने कहा कि बांग्लादेश सांप्रदायिक मस्जिद वाला देश है, जहां सभी धर्मों के लोग बिना किसी तानाशाह के, सामूहिक रूप से आगे बढ़े हैं।