बाबूलाल मरांडी ने कहा, भाजपा में शामिल होने पर चंपई सोरेन से अभी कोई बात नहीं – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव – झारखंड: ‘भाजपा में शामिल होने को लेकर चंपई से नहीं हुई बात’, बाबूलाल मरांडी बोले
झारखंड के पूर्व सीएम चंपई सोरेन और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी।
– फोटो : एएनआई/अमर उजाला
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झारखंड के पूर्व सीएम चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने की चर्चा के बीच बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने जवाब दिया है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि भाजपा में शामिल होने के संबंध में चंपई सोरेन से अभी तक कोई बातचीत नहीं हुई है। चंपई मांझे वाले राजनेता हैं और वे अपना रास्ता खुद तय करेंगे।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि चंपेई सोरेन से अभी तक कोई बातचीत नहीं हुई है। वह एक अनुभवी राजनेता और अलग झारखंड आंदोलन का हिस्सा हैं। जिस तरह से उनका सीएम पद हटाया गया है। इससे वह परिचित हैं और ग्रामीण महसूस कर रहे हैं। अगर चंपेई सोरेन जैसे वरिष्ठ नेता पार्टी छोड़ेंगे तो इसका असर पार्टी पर ही पड़ेगा।
बीजेपी की खरीद-फरोख्त के आरोप के जवाब में मरांडी ने कहा कि बीजेपी की ओर से कहा जा रहा है कि उनके विधायक सोरेन कह रहे हैं कि उनके विधायक बिक रहे हैं। यदि आप सभी बल्लेबाजों को बिकाऊ पिज्जा कहते हैं, तो कौन बनेगा? मरांडी ने कहा कि मैं आपका साथ चाहता हूं। यदि कोई व्यक्ति अपना दुख व्यक्त करता है, तो आपको उसकी बात सुननी चाहिए।
झारखंड बीजेपी के प्रवक्ता प्रतुल शादेव ने कहा कि अगर चंपई सोरेन बीजेपी में शामिल होने की इच्छा जाहिर करते हैं तो पार्टी नेतृत्व का फैसला सामने आएगा। शदेव ने कहा कि चंपई सोरेन एक बड़े नेता हैं और उन्होंने स्टालिन सोरेन की घटिया पार्टी की छवि बदलने की कोशिश की है। हम व्यक्तिगत रूप से उनका सम्मान करते हैं। झामुमो के वरिष्ठ नेता और मंत्री थिलेश ठाकुर ने कहा कि चंपई सोरेन पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और अगर कोई प्रिय है तो उनसे समझौता कर लूंगा।
रांची के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन रविवार को दिल्ली क्षेत्र में थे। इसे लेकर अनाउंसमेंट कहा जा रहा है कि वे बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। वहीं एक सोशल मीडिया पोस्ट में चंपेई सोरेन ने कहा था कि उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में दुर्व्यवहार का अनुभव किया था। ऐसे में उन्हें वैकल्पिक रास्ता तलाशने के लिए मजबूर किया जाता है।
चंपेई ने पोस्ट में कहा था कि पार्टी बैच की बैठक के दौरान उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने की मांग की थी। इससे उनका आत्मसम्मान थम गया। चम्पी सोरेन ने कहा था कि उनके पास तीन विकल्प हैं। पहला राजनीति से संत लेना, दूसरा अलग संगठन बनाना और तीसरा अगर कोई सहयोगी मिल जाए तो उसके साथ लेकर आगे बढ़ना। आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव तक मेरे लिए सभी विकल्प खुले हैं।