बिहार

चिराग़ चिराग़ राहुल-अखिलेश की राहें? बिहार में जेडीयू का टिकट कटने के बाद झारखंड में बीजेपी क्या करेगी?

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मोदी सरकार के कैबिनेट मंत्री चिराग पासवान क्या बीजेपी के लिए ‘सरदर्द’ का किरदार निभा रहे हैं? कम से कम उनकी अनुवर्ती नैतिकता से यही झलकती दिख रही है। पिछले कुछ दिनों से चिराग पासवान जीडीपी, वैलेरी और मोदी सरकार की लाइन से बिल्कुल अलग राय रख रहे हैं। आपको बता दें कि मोदी में शामिल होने के बाद सबसे पहले उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एससी-एसटी के कोटे के अंदर कोटा के फैसले का विरोध किया था, फिर यूपी एससी के लेटरल एंट्री के विज्ञापन का विरोध किया था, इसके बाद संविधान के भारत बंद का समर्थन किया था दिया कर. अब रांची में पार्टी के राष्ट्रीय खिलाड़ियों में जातिगत मुद्दे पर राहुल गांधी और अखिलेश यादव के समर्थन की मांग हो गई है.

रविवार को नेशनल ट्रांसपोर्ट की बैठक में चिराग पासवान ने कहा, ‘मेरी पार्टी के मूल्यों का समर्थन हमेशा से ही हो रहा है।’ हम भी चाहते हैं कि जाति योग्यता हो। इसकी वजह यह है कि राज्य या केंद्र की जो भी इमारतें हैं, वहां पर ध्यान लगाकर काम किया जाता है। सरकार के पास उस जाति की जनगणना की जानकारी होनी चाहिए ताकि उस जाति को मानक में जोड़ा जा सके या संबंधित योजना के धन वितरण में उस जाति को मात्रा दी जा सके।’

कौन हैं अलग राह की तलाश में चिराग पासवान?
लेकिन, एलजेपी (रामविलास) की राष्ट्रीय कंपनी की बैठक में राजनीतिक दलों की बैठक में एक रणनीति का आयोजन किया गया है। राजनीतिक विश्लेषक संजीव मनोविज्ञानी कहते हैं, ‘एलजेपी झारखंड क्षेत्र के आगामी चुनाव में कम से कम 20 से 22 मार्च तक चुनावी लड़ाई का प्लान बना रही है। मोदी के हनुमान दर्शन वाले चिराग पासवान अब अलग राह पर चल पड़े हैं। चिराग़ बंदे के आश्रम से लेकर मस्जिद तक और भी दिलचस्प लोग महसूस कर रहे हैं। पिता की तरह वह भी बड़े मौसम वैज्ञानिक बनना चाहते हैं। बीजेपी के लिए भी यह जरूरी है कि वह अभी कुछ नहीं कर सके। एनओईडी जैस्मीन 12 मिनिमलिस्ट एनवेस्ट जहां गंभीर नजर आ रही है। वहीं, बीजेपी की वैशाखी पर 5 सीट वाले चिराग वाले चिराग अब चले आए हैं।’

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कहा जा रहा है कि चिराग पासवान के एक के बाद एक बयान से मोदी सरकार काफी असहज महसूस कर रही है। क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला हो या फिर भारत बंद हो गया या फिर लेटरल एंट्री या अब कास्ट बेसिस पर हमारी सुपरमार्केट से फैक्ट्री काफी खुश हो गई। विशेष रूप से, आने वाले झारखंड क्षेत्र चुनाव में ये बड़ा आरक्षण बन सकता है। ऐसे में झारखंड में चिराग पासवान बीजेपी के लिए विलन बन सकते हैं?

टैग: चिराग पासवान, मोदी कैबिनेट

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