असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा राची में झारखंड समाचार अपडेट – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक पार्टी कार्यकर्ता के घर भोजन किया।
– फोटो : एनी
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असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रांची में एक पार्टी कार्यकर्ता के घर दो का भोजन किया। वहीं, पीएम मोदी के मन की बात भी शांत। सीएम ने कहा कि यह एक अच्छा एहसास था.
#घड़ी झारखंड: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रांची में एक पार्टी कार्यकर्ता के घर दोपहर का भोजन किया। pic.twitter.com/a4PuQLeY0X
– ANI_हिन्दीन्यूज़ (@Aहिन्दीन्यूज़) 25 अगस्त, 2024
सीएम सरमा ने कहा, ‘मोदी के मन की बात मैं अपने युवा आदिवासियों के साथ झारखंड में हूं।’ ये एक अच्छा एहसास था. ‘मोदी ने जो सबसे बड़ी बात कही, वह अंतरिक्ष के बारे में थी।’
हिमंत बिस्वा सरमा ने झारखंड के रांची में ढोल भी बजाया।
#घड़ी | असम के सीएम और भाजपा झारखंड प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा ने आज झारखंड के रांची में पारंपरिक ढोल पर हाथ आजमाया। pic.twitter.com/s1fXIPAGR6
— एएनआई (@ANI) 25 अगस्त, 2024
महिला उत्पीड़न के पीछे ‘जमीन हथियार बनाने का’ बड़ा इरादा: सीएम सरमा
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया है कि राज्य में महिला अपराध के छात्रावास भूमि और असमिया लोगों की पहचान को खतरे में डालने के बड़े इरादे से जा रहे हैं। उन्होंने ‘राजनीतिक संरक्षण’ के पीछे का संकेत दिया, जबकि यह भी दावा किया गया कि वित्तीय शक्ति असमिया लोगों के हाथों से बाहर जा रही है।
उन्होंने शनिवार देर शाम एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘कोई भी समाज बिल्कुल सही नहीं है। महिलाओं का अपराध एक वास्तविकता है। पिछले तीन वर्षों में राज्य में इन अपराधों की कमी है। लेकिन हाल की घटनाओं में असली इरादा बहुत बड़ा है। ‘अपराध जैसे अपराध के माध्यम से हमारी भूमि और संस्कृति को लक्ष्य बनाना है।’
बांग्लादेश से आये अवैध दावे पर कही ये बात
असम के मुख्यमंत्री ने बांग्लादेश से आये अवैध संबंधों के खिलाफ 1979 में छह साल लंबे आंदोलन का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि असम में यह पिछले 30-35 वर्षों से चल रहा है। इसलिए असम आंदोलन हुआ। हमने अब कट्टरपंथियों की पहचान कर ली है, लेकिन 1975 में ही असमिया समाज को चेतावनी दी गई थी कि ऐसा होगा।’
पीड़ित परिवार वहां नहीं रहना चाहता
यह दावा करते हुए कि इस तरह के अपराध के माध्यम से ‘जमीन हथियारने की बड़ी साजिश’ रची जा रही है, सरमा ने कहा, ‘ढिंग में पीड़ित के परिवार ने मुझे बताया कि वे अब वहां नहीं रहना चाहते हैं। लोग अपनी संपत्ति बेचकर दूसरी जगह पर चले जाते हैं। ‘एक लाख रुपये के प्लॉट के लिए उन्हें 50 लाख रुपये की पेशकश की जाती है।’