कोलकाता डॉक्टर केस: कौन हैं वह महला वकील, जो दरिंदे संजय रॉय को कोर्ट में वापस लाते हैं, आरजी कर के हत्यारे को बुलाया वकील?
कोलकाता. कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या करने वाले दरिंदे संजय रॉय को फाँसी की सजा हो गई? ऑर्थोडॉक्स स्ट्रीट से लेकर रेस्तरां में डॉक्टर्स का कौन सा गुसासा है सुपरमार्केट सुपरमार्केट? एक माँ-बाप जो अपनी बेटी की हत्या के बाद कैसी भी सब्जी को लेने से मना कर देते हैं और उनकी माँग सिफ़ारिश एक ही है माँ को फांसी हो? वह अब बहुत आसानी से संभव है. सभी वकीलों ने लड़ाई से मना कर दिया था, लेकिन अब कोर्टरूम में संजय रॉय को शरण के लिए ले जाया गया, जहां वकील ने वकील को बुलाया था।
आरजी कर कंपनी और कैपिटल केश के सैमुअल संजय रॉय ने पॉलीग्राफ टी सर्टिफिकेट में अपना जुर्म इंडिपेंडेंस कर लिया है। अब उसे फाँसी के घर से निकाल कर एक वकील बनाया गया है। यह वकील कोई भी पुरुष नहीं बल्कि एक माह पहले खेला गया था, जो संजय रॉय के पॉलीग्राफ ते अमिताभ के अनुमोदन के समय खुद वहां मौजूद थे। जहां सारा देश के मशहूर अभिनेता संजय रॉय को फांसी दे दी गई है, वहीं वकील कविता सरकार का कहना है कि संजय रॉय को फांसी नहीं है। फ़्राईक्स ने कहा है कि ‘विश्वास का सच सामने आ गया है और ऐसा ही एक उदाहरण है।’ कौन हैं पालतू जानवर संजय रॉय की वकील कव्वा सरकार? बलाघातकार-मर्डर जैसे अपराधी में पिछलग्गू को वकील कैसे और कैसे गोली मारता है?
कौन हैं कविता सरकार?
संजय रॉय का केस लड़ने वाली कविता सरकारी गवाहों के पेशी में बाकी 25 साल से हैं। कवयित्री ने अपने विचारधारा की पढ़ाई हुगली के मोहसिन कॉलेज से की है। वकील ने अपनी वकालत के वकील की शुरुआत अलीपुर कोर्ट से की थी और दीवानी के केस लड़े थे। इसके बाद वह साउथ एशियन लीगल सर्व स्कीज़ एसोसिएशिया (SALSA) में शामिल हो गए। यहां से स्क्रीनशॉट क्रिटिक्स केस लड़ना शुरू होता है। संजय रॉय का केस मिलाने के बाद कहा गया है कि हर बच्चे को न फिश प्रॉजेक्शन का सहारा मिलता है, जो उस पर भी आरोप लगाता है। स्तुति ने कहा कि किस तरह उनका काम है और वह वकील के हसाब से अपना काम शेयर करते हैं। कवयित्री कैसी भी है मुर्दा की फाँसी की सज़ा के ख़ज़ाने। उनकी फेल है कैसी भी उम्रकैद की सजा कैसी भी माँ के लिए सबसे बड़ी सजा है।
आख़री जघन्य अपराध के आरोपों में वकील कैसे शामिल होता है?
भारतीय कानून में हर जानवर को अपना दस्तावेज़ रखने का अधिकार है। गरीब लोगों और जघन्य अपराधी में जब किसी भी गरीब लोगों का मामला तैयार नहीं होता है तो ऐसे मामलों में जज वकील को न फाईयू कर सकते हैं। सियालदा कोर्ट में कविता सरकार के वकील वकील हैं। सियालदा कोर्ट के आदेश के बाद कवयित्री सरकार को संजय रॉय का केश मिला। हर नागारिक में भारतीय संवधान पुस्तिका का विवरण बताएं। आईएसआई उल्लेख संवधान के अनुच्छेद 39ए में किया गया है।
39ए में कौन सा अनुचेय है?
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 39ए, समाज के कमजोर और गरीबों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करना और सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करना राज्य पर दायित्व की गारंटी है। इस दस्तावेज़ के अंतर्गत विधि में कहा गया है कि यह सुनिश्चित करना कि प्रणाली समान अवसर के आधार पर न्याय को बढ़ावा दे। इसके लिए, राज्य उपयुक्त विधान या परिभाषा के परमिट या किसी अन्य तरीके से निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करता है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि आर्थिक या अन्य विकलांगता के कारण किसी भी नागरिक को न्याय मिले।
इसके तहत ही केंद्र सरकार ने सांस्कृतिक स्तर पर विधिक सेवा प्राधिकरण बनाया है और राज्य सरकार स्तर पर ये विधिक सेवा प्राधिकरण है। जब कोई निर्धारित अचल संपत्ति या नामांकन अपना कानूनी खर्च नहीं उठा पाता है तो ऐसे मामलों में अदालत में उस शेख निर्धारण के लिए वकील की नई शर्त रखी जा सकती है।
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पहले प्रकाशित : 27 अगस्त, 2024, 12:21 IST