मध्यप्रदेश

दूध मांसाहारी या शाकाहारी? आप भी कर रहे हैं ये सवाल, रेटिंग से जानें जवाब

खरगोन. दूध को लेकर कई लोगों के मन में सवाल उठता है कि इसे शाकाहारी माना जाए या मांसाहारी। ऐसा माना जाता है कि दूध में मांसाहारी होने के कारण दूध को सात्विक और शाकाहारी माना जाता है, जबकि इसे हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति में सात्विक और शाकाहारी माना जाता है। खर्गोन के चिकित्सक डॉ. के लिए इस पशु विवाद को साजिश के लिए। बेल पटेल से बातचीत की, उन्होंने जवाब दिया.

दूध के मांसाहारी या शाकाहारी होने पर बहस इस कारण उठती है कि यह नुकसान से प्राप्त होता है। कुछ लोगों का मानना ​​है कि दूध में एनिमल फैट मौजूद होता है, जो इसे मांसाहार बनाता है। इसके अलावा, कई लोगों का यह भी तर्क है कि दूध में भी खून की तरह का तरल पदार्थ का समूह होता है, जिसमें मांसाहार संबंधी गंदगी का एक कारण बताया जाता है। वहीं, दूसरी ओर हिंदू धर्म में दूध को सात्विक और शाकाहारी आहार का हिस्सा माना जाता है। इसे धार्मिक अनुष्ठानों में भी प्रयोग किया जाता है।

वास्तविक पर विशेषज्ञ की राय
पशुचिकित्सक डॉ. बबल पटेल के अनुसार, दूध मांसाहारी नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि दूध के कोयले का मांस नहीं है, बल्कि यह जानवर के दूध के कोयले से स्रावित होने वाला एक प्राकृतिक तरल पदार्थ है। दूध में अंडे की तरह की बायोकोटि नहीं होती है, इसलिए इसे मांसाहार की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है। उनका कहना है कि दूध के निर्माण में कच्चे नारियल का मिश्रण होता है और इसमें प्रोटीन, फैट और पानी का मिश्रण होता है, जो इसे शाकाहारी और नामांकित बनाता है।

दूध और मांस में अंतर
डॉ. पटेल ने यह भी बताया कि मांस और दूध की संरचना में बड़ा अंतर है। मांस को अर्ध ठोस कहा जा सकता है, जबकि दूध तरल के रूप में होता है। मांस में लाल रंग हीमोग्लोबिन का कारण होता है, जबकि दूधिया सफेद या चमकीला पीला रंग होता है। गाय के दूध का प्रभाव पीला रंग विटामिन ए की उपस्थिति का कारण होता है। इसके अलावा, मांस पकाने पर उसकी संरचना बदल जाती है, जबकि दूध में बहुत देर हो जाती है, प्रोटीन उसके और अन्य तत्व स्थिर रहते हैं।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण के आधार पर
डॉ. पटेल ने वैज्ञानिक आधार पर भी दूध के शाकाहारी होने का पक्ष रखा। उनके अनुसार, दूध में किसी भी प्रकार की बायोलॉजिकल लॉटरी नहीं होती, जो मांसाहार का हिस्सा बन जाता है। दूध में प्रोटीन, फैट और पानी होता है, इसलिए इसे शाकाहारी आहार की श्रेणी में रखा जाता है। मोटे तौर पर, अंडे से जहां एक नए जीव की उत्पत्ति होती है, वहीं दूध केवल पोषण प्रदान करने वाला स्ट्राव होता है, जिससे किसी भी नए जीव की उत्पत्ति संभव नहीं है।

दूध को लेकर जो भ्रम और विवाद
विशेषज्ञ और वैज्ञानिक के अनुसार, दूध मांसाहारी नहीं, बल्कि शाकाहारी है। यह जानवर का मांस नहीं है, बल्कि उनका शरीर प्राकृतिक भूसा है, जिसमें नये जीव की उत्पत्ति की संभावना नहीं है। धार्मिक एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से दूध को शाकाहारी भोजन के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए। दूध को लेकर जो भ्रम और विवाद है, उसे विशेषज्ञ के तर्क और विज्ञान के आधार पर सुलझाया जा सकता है।

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