महाराष्ट्र

बगल में हैं तो उलटी आती है…शिंदे सरकार के मंत्री का बयान, भड़की एनसीपी ने दिया अवकाश का खतरा

महाराष्ट्र के महायुति गठबंधन में फिर मची तबाही। इस मतभेद की वजह शिंदे सरकार के मंत्री तानाजी रावत का बयान है। एक कार्यक्रम के दौरान तानाजी ने कहा था कि गर्लफ्रेंड के बगल में स्टूडियो हूं तो उल्टी आती है। शत्रुतापूर्ण है कि भाजपा, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टियां और अजित समर्थकों की गोवा वाली राकांपा राज्य में ‘महायुति’ गठबंधन के समर्थक हैं। तानाजी के इस कथन पर तगड़ी प्रतिक्रिया आई है। अनैतिक प्रचारक प्रचारक ने कहा है कि अब इस सरकार में या तो तानाजी कहेंगे या फिर राजकुमार। अभियोजकों ने आगे कहा कि हम अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत सहयोगियों और अन्य वरिष्ठ सहयोगियों से निवेदन कर रहे हैं कि कैबिनेट छोड़ दें।

अभियोजकों ने कहा कि अजित पवार को तब तक किसी भी सचिवालय में उपस्थित नहीं होना चाहिए, जब तक कि सावंत को नहीं हटाया जाए। इंजीनियर ने आगे कहा कि सिर्फ लेना ही नहीं, बल्कि सभी किसानों को बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि हमें विश्वास की माफी या बयान यह नहीं देना चाहिए कि उन्हें गलत समझा गया है। हम बस इतना चाहते हैं कि उन्हें बाहर निकाला जाए। पार्टी प्रवक्ता ने आगे कहा कि गर्लफ्रेंड सत्य की भूखी नहीं थी। हम किसी ऐसे मंत्री के साथ काम नहीं कर सकते जो इस तरह की टिप्पणी करे। वह महायुति गठबंधन में रहते ही नहीं हैं। रिवाइवल पर शेयर किए गए खंभे में कहा गया है कि मुझे याद नहीं है कि देश में ऐसा कोई नेता होता होगा, जो अपने साथी नेताओं पर ऐसी बयानबाजी करता हो। उन्होंने कहा कि रावत दिल के कड़वे हैं।

मान्यता है कि महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री तानाजी रावत ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में कहा कि वह एक कट्टर शिव सैनिक हैं, राकांपा के नेता उनके साथ कभी नहीं रहे। सावंत ने कहा कि हम एक-दूसरे के बगल में बैठे हैं, लेकिन बाहर आने के बाद मुझे उल्टी सी आ रही है। वहीं, राकांपा के प्रवक्ता और विधान परिषद के सदस्य (एसएटीसी) अमोल मिटकरी ने सावंत की टिप्पणियों की निंदा की और सवाल किया कि गठबंधन को बरकरार रखने की जिम्मेदारी केवल उनकी पार्टी की है। उन्होंने कहा कि सावंत ने सबसे पहले भी ऐसे ही किसी दुकान में काम किया था। मिटकरी ने कहा कि हम केवल गठबंधन धर्म के हितैषी हैं। राकांपा नेता ने कहा कि उल्टी आने वाली उनकी समस्या का इलाज सिर्फ मुख्यमंत्री ही कर सकते हैं।

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