बिहार

बेबीकॉर्न और स्वीटकॉर्न मक्का की खेती से किसान कर सकते हैं जबरदस्त कमाई, सिर्फ 60 दिन में होती है तैयार-बेबीकॉर्न और स्वीटकॉर्न की खेती से किसान साल भर में कमा सकते हैं ज्यादा मुनाफा, सिर्फ 60 दिन में हो जाएगा तैयार, मिलेगी सरकार फ़ायदे

पूर्णिया : मक्का की खेती करने वाले किसानों को आज तक नुकसान नहीं हुआ, जिसका कारण किसान आए दिन और मक्का की खेती सही नहीं है लेकिन मक्का की खेती जरूर करनी चाहिए। हालाँकि इसकी खेती की लागत से कुछ अधिक लाभ अवश्य मिलता है। लेकिन मक्के की खेती का किसान सीजन एक साल पहले ही आ जाता है, जिससे किसान का एक साल तक इंतजार होता रहता है। लेकिन अब नहीं अब किसान भाई जमीन पर साल भर मक्का की खेती कर सकते हैं और कम समय और कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाते हैं।

मक्का की खेती करने वाले किसान कम लागत में अधिक मुनाफा देते हैं और मक्का के बाजार में भी बिकवाली बनी रहती है। ऐसे में मक्के का उपयोग रेस्टोरेंट से लेकर बड़ी बड़ी कंपनी के न्यूडल बिस्कुट कुकुरे सहित अलग-अलग एनीमा का भरपूर उपयोग किया जाता है। जिस कारण किसान सीजन आने पर मक्का की खेती जरूर करें। लेकिन नहीं अब किसान भाई सीजन देखकर मक्का की खेती नहीं बल्कि सालोभर इस मक्का स्वीटकॉर्न और बेबीकॉर्न मक्का की वरायटी की खेती कर सकते हैं। वहीं इसकी खेती में लागत भी कम लगती है और किसान को कम समय में डबल रिव्यु भी भाग्य होता है।

जिला कृषि मानक ने दी जानकारी
यहां दी गई जानकारी में बताया गया है कि पूर्णिया जिला कृषि स्ट्रॉबेरी हरिद्वार कुमार बजरंग ने न्यूज 18 लोकल से बताया कि किसान भाई सीजन का इंतजार नहीं कर सकते सालोभर मक्के की ये दोनों स्वीटकॉर्न और बेबीकॉर्न की खेती कर सकते हैं। हालाँकि उन्होंने कहा कि फुलिया जिले में अब तक स्वीटकॉर्न 75 हेक्टेयर में और बेबीकॉर्न 65 हेक्टेयर जिले में किसानों द्वारा इसकी खेती की जा रही है। ऐसे में उन्होंने कहा कि जिले के किसानों को अपनी खेती के कुछ डिजाइन में भी अपनी खेती जरूर करनी चाहिए, ताकि किसानों को हर दिन पैसा मिले।

एक नोट में इतने सारे बीज
स्वीटकॉर्न और बेबीकॉर्न मक्का की खेती में किसानों को लगभग एक एकड़ खेत में स्वीटकॉर्न मक्का के 3 किलों के बीज और बेबीकॉर्न मक्का के 10 किलों के बीज की खेती होगी। उन्होंने कहा कि मक्के की ये दोहिया की खेती किसानों को लाभ देती है, उन्होंने कहा कि इसकी खेती में किसान डबल डेवलप कमा सकते हैं, पहले उनके मक्का के व्यापारी खरीद सकते हैं और फिर इसे हरा घास के रूप में बेच सकते हैं, ताकि किसानों को आम के आम गुठली मिल सकें। दाम भी मिल जाता है.

स्वीटकॉर्न सिर्फ 90 दिन और बेबीकॉर्न मक्का 60 दिन में तैयार
जबकि स्वीटकॉर्न मक्का की खेती 90 दिनों में तैयार हो जाती है, जबकि बेबीकॉर्न मक्का सिर्फ 60 दिनों में पूरी तरह से तैयार हो जाती है। जिससे किसानों को कम समय में उद्घोषणा मिलनी शुरू हो जाती है। हालाँकि उन्होंने कहा कि स्वीटकॉर्न और बेबीकॉर्न मक्का की खेती के लिए किसानों को 50℅ तक सरकारी अनुदान दिया जाता है। ऐसे में कोई भी किसान जो खेती करना चाहता है वो पूर्णिया जिला कृषि विभाग के कार्यालय में ज्ञान आवेदन और संबंधित हर तरह की जानकारी ले सकता है। किसानों की मदद के लिए कृषि विभाग पूरी तरह से तैयार है।

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