बिहार के इस जिले में है गजब की प्राकृतिक प्रकृति, एक बार जाएंगे तो कहीं बस जाने का मन
गुलशन कश्यप/लखीसंत. बिहार में कई ऐसी जगहें हैं, जो अपने अंदर इतने विशाल आकार के हैं कि ये लोग अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं। हालाँकि उन एशियाइयों में बड़ी संख्या में लोग नहीं पाए जाते, जिसका कारण उनके प्राकृतिक लोग सामने नहीं आते। लोग घूमने के लिए बड़े-बड़े हिल स्टेशन पर जाते हैं, लेकिन बिहार की यह जगह इतनी खूबसूरत है कि यहां आपको शांति की प्राप्ति होगी। इन इलाक़ों में घंटो समुद्र तट पर प्राकृतिक नाज़ारों का सामान उठाया जा सकता है। ऐसा ही एक अनहोनी लाखी रंगीन जिले में स्थित है जो अपने अंदर इतनी प्राकृतिक संरचना रखता है कि आप यहां घंटो में प्राकृतिक सौंदर्य को निहार सकते हैं और प्रकृति के बीच समय बिता सकते हैं।
धार्मिक और प्राकृतिक रूप से सुंदर है
लाखी जिले में स्थित श्रृंगी ऋषि धाम आश्रम अपने अंदर धार्मिकता के साथ-साथ प्राकृतिक प्रकृति भी समाहित किए हुए हैं। श्रृंगी ऋषि आश्रम में इतनी खूबसूरत कल है कि यहां पानी किकल और चिड़ियों की छत को भी साफ सुना जा सकता है। श्रृंग ऋषि आश्रम में भगवान महादेव का एक मंदिर है, और वहां पर ऋषि श्रृंग का आश्रम मौजूद है। कहा जाता है कि यह वह स्थान है जहां भगवान श्रीरामचंद्र के पिता महाराजा महाराजा ने पुत्रकामेष्टि यज्ञ किया था। इस कारण इस स्थल का धार्मिक महत्व भी बहुत है और यहां बड़ी संख्या में लोग पूजा पाठ करने आते हैं। खास बात यह है कि यहां आस्था की भारी भीड़ जमा हो जाती है। तो फिर यहां यह प्राकृतिक प्राकृतिक रूप से भी काफी खूबसूरत है।
यहां का कुंड और झरना है काफी अहम
दार्शनिकों की श्रृंगी ऋषि आश्रम में पानी के दो कुंड हैं, जिनमें साझीदार पर पानी रहता है। वहीं बरसात के महीने में पहाड़ से यहां पानी मिलता है, जो झरना की शक्ल ले जाता है। ये देखने में काफी मनोभावन लगता है. इसके साथ ही मोरबी बांध का पानी भी यहां के लोगों को खूब आकर्षित करता है। यहां जंगल के बीच मोरबी बांध अवस्थित है। जिसमें साफा और स्वच्छ पानी है और चारों तरफ के घने पहाड़ और हरियाली के बीच यह बांध बांध अपने चार चांद में लगा हुआ है। अगर आप भी बिहार में कहीं घूमने का मन बना रहे हैं तो आप लाखी जिले के श्रृंगी ऋषि आश्रम में घूम सकते हैं। अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं तो निश्चित रूप से यह जगह आपके लिए जन्नत के समान होगी।
पहले प्रकाशित : 4 सितंबर, 2024, 24:26 IST