झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का कहना है कि नीति निर्माताओं की उदासीनता के कारण राज्य की मूल आबादी पिछड़ गई – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव – झारखंड: ‘नीति-निर्माताओं के विद्यालय से पिछडी मूल आबादी’, सीएम सोरेन का आरोप
झारखंड सीएम रसेल सोरेन
– फोटो : एनीनी (एफएएफए)
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झारखंड के मुख्यमंत्री रसेल सोरेन ने आरोप लगाया कि राज्य के नीति मानचित्रों के खंडों ने स्थानीय आबादी को अस्थिर कर दिया है। उन्होंने कहा कि झारखंड को ‘सोने की दुकान’ के नाम से जाना जाता था। यहां प्रचुर मात्रा में खनिज भंडार हैं, लेकिन स्थानीय आदिवासी और मूलवासी पीछे रह गये। उन्होंने आरोप लगाया कि नीति विश्लेषकों ने कभी भी झारखंड को महत्व नहीं दिया और स्थानीय लोगों को मूर्ति के रूप में काम करने के लिए छोड़ दिया, जिससे लालच की तलाश में वे पलायन करने को मजबूर हो गए। सीएम ने दावा किया कि झारखंड का 1.36 लाख करोड़ रुपये अभी भी केंद्र के पास है। कहा, ‘अगर हमें राशि मिल जाए तो हमें राज्य की किस्मत और दिशा बदल देते हैं।’
सीएम सोरेन रविवार को पश्चिमी सिंहभूम जिले के नोवामुंडी में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे, जहां उन्होंने 201.83 करोड़ रुपये से अधिक की 96 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। 103.41 करोड़ रुपए की संपत्ति के बीच। इससे पहले, उन्होंने 1980 में इसी दिन गुआ में बिहार पुलिस की गोलीबारी में राज्य आंदोलनकारी को पुष्पांजलि की एक शहीद स्मारक समर्पित किया था।
गुआ फोटोग्राफी की घटना का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा, ‘हम इस दिन को कभी नहीं भूले हैं, क्योंकि हमारे शहीद हमारे मार्गदर्शक रह रहे हैं और हम उनके सिद्धांतों पर बने हुए हैं, सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।’ उन्होंने कहा, डेमोक्रेट योद्धाओं की भूमि के खिलाफ लड़ाई जारी है और लोकतंत्र में हमेशा के लिए अन्याय, शोषण और अत्याचार की लड़ाई लड़कियाँ हैं।
उन्होंने कहा, ‘हमने लंबे समय तक अलग-अलग राज्य के लिए लड़ाई लड़ी है और कई लोगों ने इस उद्देश्य के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया है…आदिवासी खून की हर किरण हमें मजबूत बनाती है।’ ‘हम अपने अधिकार के लिए फ़ेफ़िएर ग़ैरसरकारी हैं।’
उन्होंने कहा, जब से झामुमो के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में आई है, उसे शुरुआती दो वर्षों में वैश्विक महामारी और अब पिछले दो वर्षों में सीएम के चमत्कार सहित किंवदंतियों का सामना करना पड़ रहा है। दावा किया गया कि उनकी सरकार ने जनता के हित में अलग-अलग छात्र योजनाओं को लागू करने की घोषणा की है।