हाथ में मशालें और राजचिह्न, न्याय के लिए रातभर आर्चें नारे; कोलकाता कांड पर आज सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई
कोलकाता रेप-मर्दर केस को लेकर रविवार को आग थमने का नाम नहीं ले रही है। पश्चिम बंगाल के कई शहरों और बाजारों में आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और उसकी हत्या की घटना के संबंध में रविवार रात न्याय की मांग करने वाले नारे लगाए। हाथ में मशालें और मशालें लोगों के लिए थीं। महिला, युवा और वृद्ध हर किसी ने महिलाओं को मकड़ी देने के लिए मानव श्रृंखला बनाई। जलती मशालें लेकर राष्ट्रगान गाऊंगा। कई लोगों ने किया तीरंदाजी। नागरिक समाज ने राज्य भर में गैर-राजनीतिक जातीय विरोध दर्ज कराने के लिए केवल झंडे फहराने की अनुमति दी है। आज इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है।
महिला चिकित्सक का शव नौ अगस्त को अस्पताल में मिला था। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को इस घटना से संबंधित मामले की सुनवाई होगी। राज्य में ‘रेक्लेम द नाइट’ के तीसरे कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले कई सुपरस्टार्स ने कहा कि उन्हें शीर्ष अदालत में न्याय का अधिकार माना जाता है। ‘रेक्लेम द नाइट’ अभियान के तीसरे संस्करण में रविवार को मध्य रात्रि में राज्य के विभिन्न विचारधाराओं में बड़ी संख्या में लोग शामिल थे। इसी तरह का पहला प्रदर्शन 14 अगस्त को और दूसरा प्रदर्शन चार सितंबर को आयोजित किया गया था।
पूरे बंगाल में प्लांट की दुकान
बलात्कार-हत्या की इस घटना को लेकर कोलकाता के हर कोने में विरोध प्रदर्शन किया गया और युवाओं ने अपने मोबाइल फोन पर ‘फ्लैश लाइट’ के जरिए विरोध दर्ज कराया। इस दौरान कई लोगों ने काले कपड़े पहने हुए थे। एकजुटता का असामान्य प्रदर्शन करने से हजारों लोग कोलकाता और इसके उपनगरों, सिलीगुड़ी, दुर्गापुर और खड़गपुर जैसे शहरों और बालुरघाट, पुरुलिया, कुशबिहार और अन्य छोटे शहरों और विभिन्न समुदायों में प्रवेश कर गए।
उत्तरी कोलकाता के श्याम बाज़ार से लेकर सोदेपुर तक करीब 14 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाई गई। छात्रों और स्कूलों के अलावा आईटी पेशेवरों जैसे नौकरीपेशा लोगों से लेकर ड्राइवर-चालकों तक विभिन्न इलाकों के लोग प्रदर्शन में शामिल हुए। महिला छात्र चिकित्सक से बलात्कार और उसकी हत्या की घटना के विरोध में विभिन्न शिष्यों के पूर्व छात्र, मिट्टी के सामान बनाने वाले, ड्राइवर चालक और कनिष्ठ मित्र सहित विभिन्न जिले के लोग रविवार को अलग-अलग तरीके से शहर की सड़कों पर उतरे।
परिवारवाले भी बेरोजगार के साथ
एक महिला की मां ने सभी राक्षसी चिकित्सकों की मांग करते हुए कहा कि पहले उनकी एक बच्ची थी और अब सभी राक्षसी चिकित्सक उनके बच्चे हैं। दक्षिण कोलकाता में 40 से अधिक स्कॉटलैंड के लगभग 4,000 पूर्व छात्र न्याय की मांग को लेकर दो किलोमीटर पैदल चले। इन सबसे बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हैं। विभिन्न आयु वर्ग के पूर्व छात्रों ने ”हमें न्याय चाहिए” के नारे लगाते हुए कहा कि गरियाहाट से रास बिहारी एवेन्यू होते हुए श्यामा प्रसाद मुखर्जी रोड पर मूर्तिकार तक रैली निकाली जाएगी।
बेटी की पीड़ा सोच सहर उठती हूँ- माँ
सरकारी एन. एक अन्य माँ ने कहा, ”जब भी उस रात मेरी बेटी को पीड़ा के बारे में सोचा गया, तो मैं सहर उठती हूँ। उनकी शंका समाज की सेवा करना था, अब ये सभी निश्चित मेरे बच्चे हैं।”
प्रदर्शन के प्रमुख संयोजक गरिमा घोष ने कहा, ”हम अभया (पीडिता का ऐतिहासिक नाम) पर हुए हमले और उसकी हत्या में सभी लोगों को शामिल किया गया है, इसके अलावा सभी लोगों को महिलाओं की सुरक्षा की मांग की गई है।” ‘वहीं, एक और रैली में मिट्टी के सामान बनाने वालों ने उत्तर कोलकाता में कुमारटुली से लेकर रियाल तक की रैली निकाली, जिसमें देवी दुर्गा की पोशाक में साजी एक लड़की ने रैली का नेतृत्व किया।
क्रांतिकारी ने अरिजीत सिंह का गीत ‘आर काबे’ (कितनी देर और गई) का चित्रण किया और उन्होंने इस दौरान आरजी कर हत्या-बलात्कार घटना की शीघ्र जांच की और न्याय की मांग करने वालीं तख्तियां बनाईं। क्या। मूर्तिकार सनातन डिंडा के अलावा ऑस्टिनजीता भी रैली में शामिल हुए। डिंडा ने कहा, ”एक महीना चुका दिया गया, लेकिन हमारे अंदर की आग तब तक जलती रही, जब तक प्रतिभा को पकड़ नहीं पाई।”
शो में जाना-माना चेहरा चांदनी ने कहा, ”जब तक हमारी बहन को जस्टिस नहीं मिलता, हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे। हम शांति विरोध प्रदर्शन करेंगे, इसके लिए महीनों तक संघर्ष क्यों नहीं करना पड़ेगा।” उत्तरी कोलकाता के हेदुआ पार्क से कॉलेज चौराहे तक करीब 100 लोगों ने हाथ से खींचे जाने वाले रिक्शों के साथ रैली निकाली। बिहार के मूल निवासी चालक दल के सदस्य राकेशवा शॉ ने कहा, ”हम अभय के लिए न्याय की मांग करते हैं – जो हमारी बेटी है।”
प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया
पश्चिम बंगाल में कई अन्य जगहों पर भी विरोध प्रदर्शन किया गया। उत्तर 24 परगना जिले के नैहाटी में ऐसे ही एक मार्च को उस समय का कार्यक्रम हो गया, जब कथित तौर पर तेरहवीं कांग्रेस से जुड़ी पार्टियों का एक समूह रैली में घुस गया। इस ग्रुप ने मुख्य घोषपारा रोड पर ब्लॉक करने का आरोप लगाया। एक अविश्वासी ने कहा, ”लोगों के एक समूह ने रैली में एक वाहन के ऊपर लगे लाउडस्पीकर का तार तोड़ दिया और कुछ लोगों की आलोचना कर दी।” पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित कर लिया।