आउटवेली संग…पहले पटनी का कटल, फिर माता-पिता को सुलाया मौत की नींद, अब आई गुवाहाटी से एक खबर कि…
दिल्ली पुलिस: एक दिन द्वारका पुलिस प्रमाण पत्र से पता चलता है कि पालम गांव के राजनगर इलाके में स्थित एक घर में दो-तीन लोगों का कत्ल हो गया है। माऊस पर परमाणु पुलिस टीम ने जैसे ही घर के अंदर कदम रखा, उनकी आंखें खुली की खुली रह गईं। लगभग पूरा घर खून से सना हुआ था. घर में एक तरफ एक शख्स का शव पड़ा हुआ था, जब कि दूसरी तरफ दो महिलाओं के शव पड़े हुए थे. त्रिमूर्ति पर हथियारबंद हथियार से वार कर रेस्टॉरेंट से हमला किया गया था।
इस मामले में द्वारका थाना पुलिस ने धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर अपनी तफ्तीश की शुरुआत की। तफ़तीश के दौरान पता चला कि मरने वाले घर के मुखिया, उनकी पत्नी और बहू हैं। इधर, मामले की जांच कर रही पुलिस टीम के जवानों पर बल का दबाव बढ़ गया, जब पता चला कि वसीयत का शिकार हुई बहू गभभोरेती थी। इसके बाद पुलिस ने पूरी शिद्दत से इन अस्पतालों को अंजाम देने वाले गुनहगार की तलाश शुरू कर दी।
जांच के दौरान, पुलिस टीम ने जब वर्से में जान गंवाने वाले बुजुर्गों के बेटों से पूछताछ की तो उनकी बातों में लगातार विरोधाभास मिला। साथ ही, जांच के दौरान शक की रिसर्च सुइंया घूम फिर कर्टिनोटिन पर टिक ग्यान रही थी। फ़र्क, शक के आधार पर कण्ट्रोल वर्मा को लेकर ड्यूक में पूछताछ शुरू हुई। पूछताछ के दौरान, नेपोलियन ने जो खुलासा किया, उसके बाद एकबारगी पुलिस टीम को भी अपनी बात पर भरोसा नहीं हुआ।
इसलिए की गई पटनी और माता-पिता का कटल
असल में, पूछताछ के दौरान मंत्रालय ने पुलिस को बताया कि उसकी एक लड़की के साथ एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर चल रहा था, एक दिन में उसकी आपत्तिजनक पत्नी को पकड़ लिया गया था। इसी बात को लेकर दोनों के बीच झगड़ा हो गया. यह झगड़ा कुछ ही देर में रेस्तरां में बदल गया। गुसासे में अपना आपा खो दिया, नेपोलियन ने धारदार हथियार से अपनी गंभीर हालत पर वार कर दिया। इस बीच, बीचबचाव करने के क्षेत्र में अपने माता-पिता को भी उसने बशा नहीं छोड़ा।
अविश्वास (क्राइम आरोप) अमित गोयल ने बताया कि इस विश्वास के आधार पर मतपत्र को गिरफ्तार किया गया था। वहीं, हत्या की जघन्योति वर्शा की अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी। एक साल पहले पैट्रिक को पैरोल जेल से रिहा किया गया था। पैरोल की अवधि ख़त्म होने के बावजूद उसने सरेंडर को नहीं छोड़ा और वह दिवालिया हो गई। इस मामले की जांच करने के बाद कंपनी ने नए अपार्टमेंट की तलाश शुरू कर दी।
गुवाहाटी में पुलिस को मिली बड़ी सफलता
वोट (क्राइम दिग्गज) अमित गोयल ने बताया कि जांच के दौरान जिन सभी लोगों को जीरो इन किया गया था, वे मोनेट की मदद कर सकते हैं। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में सी-स्टॉक स्टॉक बंद हो गए। 15 दिन बाद पुलिस को पता चला कि डोमिनिकन दरियागंज इलाके में काम कर रहा है। जब पुलिस दरियागंज वाले ने गुप्त सूचना दी तो पता चला कि उसने एक महीने पहले ही नौकरी छोड़ी है। इसी बीच, पुलिस को टेक्निकल सिद्धार्थ की मदद से गुवाहाटी की एक सुई मिल गई।
जिसके बाद पुलिस की एक टीम ने गुवाहाटी पर उस पर हमला कर दिया। गुवाहाटी पहुंचने के बावजूद पुलिस टीम के लिए पुतिन तक पहुंचना मुश्किल हो रहा था। असल में, पोर्टफोलियो पुलिस की मशीनरी से भागने के लिए लगातार अपने मोबाइल फोन, सिम कार्ड और सामान बदले जा रहे थे। गुवाहाटी में एक लंबी पैदल यात्रा के बाद पुलिस टीम नेतीन को पुनः यात्रा पर ले गई। गुवाहाटी से गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने एक बार फिर उसे उसके सही स्थान पर पहुंचाया।
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पहले प्रकाशित : 16 जून, 2024, 12:59 IST