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बचपन में जिस पौधे को छूकर करते थे मजे वह प्लांट है बड़ा गुणकारी, बवासीर से लेकर पेशाब की दिक्कतों में भी फायदेमंद

लाजवंती के स्वास्थ्य लाभ: इस पौधे का नाम सुनते ही मन में उमंगे आ जाएगी. अगर आपने अपना बचपन गांव में बिताया होगा तो लाजवंती का पौधा जरूर याद होगा. इस पौधे से जुड़ी कई यादें होंगी. दोस्तों के साथ मिलकर इस पौधे से खूब मजे लिए होंगे. दरअसल, जैसे ही कोई इंसान लाजवंती या छुई-मुई की पत्तियों को छूता है, वैसे ही ये सारी पत्तियां सिकुड़ जाती है, इससे बच्चे को काफी मजा आता है. बेशक यह पत्तियां बचपन में खिलौने की तरह है लेकिन इसमें गुणों की भी कोई कमी नहीं है. पबमेड सेंट्रल जर्नल के मुताबिक लाजवंती के पौधे में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-सेप्टिक और एंटी वेनम गुण मौजूद होता है जो लेबोरेटरी ट्रायल में प्रमाणित हो चुका है. आयुर्वेद में लाजवंती के पौधे से खांसी, गले में सूजन, पेट में संक्रमण, अपच, बवासीर, पेशाब संबंधी बीमारियां, साइनस जैसी समस्याओं में इस्तेमाल किया जाता है. आइए विज्ञान के हिसाब से इसके फायदे के बारे में जानते हैं.

लाजवंती के फायदे

1. पेट संबंधी समस्याओं में असरदार-एनसीबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक रिसर्च में पाया गया है कि लाजवंती के प्लांट में एंटी-माइक्रोबियल गुण होता है. यानी अगर पेट में बैक्टीरिया संबंधी विकार है तो लाजवंती के पौधे से तैयार दवा से यह ठीक हो सकती है. यह पेट में कीड़ो-मकोड़े को भी मार सकता है. आयुर्वेद में लाजवंती के प्लांट से पत्तियों को तोड़कर इसे शहद में मिला दिया जाता है और इसका सेवन करने से पेट में अपच, ब्लोटिंग की समस्या दूर की जा सकती है. हालांकि आप खुद से इसका प्रयोग न करें जब तक आयुर्वेदिक एक्सपर्ट इसे बनाकर न दें.

2. बवासीर का इलाज-एनसीबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक लाजवंती की पत्तियों से बावसीर या फिस्टुला या घाव का इलाज किया जा सकता है. छुई-मुई की पत्तियों में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होता है. बवासीर की बीमारी में सूजन हो जाती है. इसमें इंफ्लामेशन होता है जिसके कारण इसमें घाव हो जाता है. ऐसे में एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों से लबरेज लाजवंती की पत्तियों से इसका इलाज फायदेमंद माना जाता है. लाजवंती की पत्तियों को पीसकर इसका जूस भी पिया जा सकता है.

3. साइनस-खांसी की दिक्कत का समाधान-1एमजी की रिपोर्ट में आचार्य बालकृष्ण कहते हैं कि लाजवंती की जड़ को घिसकर नाक पर लगाने से साइनस की दिक्कत कम हो सकती है. वहीं लाजवंती की जड़ को गले में बांध लेने भर से खांसी की समस्या दूर हो सकती है.

4. पेशाब संबंधी दिक्कतें-छुई-मुई की पत्तियों से पेशाब संबंधी दिक्कतों का भी समाधान निकल सकता है. लाजवंती में डाययूरेटिक गुण होता है. यह किडनी में बन रहे टॉक्सिन को बाहर निकालने में सक्षम है. अगर बार-बार पेशाब हो रहा है तो इसकी पत्तियां लाभदायक साबित हो सकता है.

5. घाव को ठीक करने में फायदेमंद-लाजवंती की जड़ से घाव को ठीक किया जा सकता है. वहीं अगर चोट लग गई है तो लाजवंती की जड़ को पीसकर वहां लगा देने से दर्द कम होता है और घाव भी नहीं होता है.

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