घर में दिखें ये संकेत तो समझ लें आपके पितर हैं नाराज, पितृ पक्ष में करें पिंडदान..
अंतःकुमार/गया:- पितृपक्ष भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन से प्रारंभ होता है। इसका समापन आश्विन माहा की वनस्पति के दिन होता है। इन 15 दिनों में लोग अपने पूर्वजों को याद करते हैं और उनके लिए तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि पितरों की नाराज़गी जीवन में बढ़ती-बढ़ती रहती है। सुखी जीवन के लिए जरूरी है कि हमारा पूर्वज खुश रहे। कुछ ऐसे संकेत हैं, जिससे पता चलता है कि हमारे पूर्वज अमेरिकी नाराज हैं।
पितृ नाराज हो, तो मिलते हैं ये लक्षण
मिडिल वैदिक आश्रम के पंडित राजा आचार्य लोकल 18 को नियुक्त किया गया है कि पितृपक्ष में घर में कुछ ऐसे संकेत दिए गए हैं, जिससे पता चलता है कि हमारे पूर्वज नाराज हैं। इसमें यदि आप जो भी कार्य कर रहे हैं, जिसमें रुकावत आ रही है और कोई भी कार्य करने वाला नहीं है, तो इसे पितरों के नाराज होने या पितृ दोष के लक्षण माना जाता है। घर में थोड़ी बहुत खटपट तो चलती रहती है। लेकिन अगर रोज ही गृहकलह हो रही है, तो इसका मतलब यह है कि पितृ आपसे नाराज होते हैं। ऐसा सिद्ध होता है कि पितृ नाराज रहते हैं, तो संतान पैदा होने में बाधा आती है।
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जेलखाने या दवाखाने में जायेंगे रूके
ऐसी मान्यता है कि पितरों के नाराज रहने के कारण घर में किसी भी संत का विवाह नहीं होता है और यदि हो भी जाए, तो जीवन जीना बेकार रहता है। ऐसी मान्यता है कि यदि पितृ नाराज हैं, तो आपके जीवन में कोई आकस्मिक क्षति या दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। आपका फॉर्म जेलखाने या दवाखाने में ही बर्बाद हो जाता है। इसके अलावा और भी लक्षण बताए गए हैं, जैसे कि मांगलिक कार्य में अचानक कोई बाधा उत्पन्न होना, संत की पढ़ाई में दिल नहीं लगना, श्राद्ध पक्ष में ब्राह्मणों द्वारा भोजन नहीं करना, घर में बरकत नहीं रहना आदि।
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पहले प्रकाशित : 11 सितंबर, 2024, 13:04 IST
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