मांगे पूरी होने तक नहीं रुकेगा विरोध; ममता सरकार को वकील का अल्टीमेटम, आज ही चाहते हैं कार्रवाई
कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में एमएडी की मांग कर रहे जूनियर वकील ने अपनी पांच अहम राहत के पूरे होने तक हड़ताल खत्म करने से मना कर दिया है। राज्य के मुख्य सचिव ने आज ही की बैठक में गुजराती की घोषणा की, ताकि स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार लाया जा सके और जिले में खतरनाक महामारी से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हो सके।
आरोपियों ने अपनी खत में लिखा है, ”सोमवार को हुई मीटिंग में हमें आश्वस्त किया गया था कि आपके अंदेशे में एक टास्क फोर्स बनाई जाएगी, जो इन मुद्दों को सुलझाएगा और इससे जुड़ी बातों पर हमसे चर्चा करेगा।” सदस्यों के साथ आज ही बातचीत करना चाहते हैं।”
यह हमला ऐसे समय में जारी हुआ है जब मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में बलात्कार और हत्या के मामले की सुनवाई के दौरान बताया गया कि जूनियर डॉक्टर काम पर वापस आने के लिए तैयार हैं, उनके जनरल बॉडी इसके मंजूरी दे और मुख्यमंत्री नारायण के हैं। साथ हुई बातचीत में तय की गई बातें अमल में लाई गईं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जूनियर डॉक्टर के काम से दूर रहने पर कोई खुशी महसूस नहीं हो रही है बल्कि वे तनावग्रस्त, अवसादग्रस्त और खतरनाक काम की स्थिति के कारण हड़ताल पर हैं,प्रोडक्ट सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है।
दोपहर 1:30 बजे तक सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया था, लेकिन कांग्रेस के अल्पसंख्यक और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बच्चन ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि राज्य सरकार ने ईसाइयों की ज्यादातर मांगें मान ली हैं और इस साझीदारी के तहत सलाह दी गई है। को अब हड़ताल ख़त्म करने पर रोक लगनी चाहिए। उन्होंने कहा, “पहले दिन से ही मैं ईसाइयों की सुरक्षा और उनके समर्थकों का समर्थन करता आया हूं, उनकी ज्यादातर मांगें जायज और तारक हैं।”
अभिषेक बनर्जी ने कहा, “अस्पतालों में सुरक्षा और प्रयोगशालाओं को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं, जिसमें सांता कैमरे और मेडिकल स्टूडियो में ढांचागत विकास शामिल है, यह काम 14 दिनों के भीतर पूरा होने की उम्मीद है। इसके अलावा राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग और कोलकाता पुलिस के शीर्ष अधिकारियों का भी स्वागत है।” अभिषेक बनर्जी ने कहा कि सामिलना के तौर पर विरोधियों को अब हड़ताल खत्म करके सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहिए ताकि ये बदलाव जल्दी से जल्दी लागू हो सकें।
मंगलवार शाम को जूनियर वकीलों की एक लंबी बैठक हुई जिसमें उन्होंने सरकार पर कुछ वादों को पूरा करने का कोई आरोप नहीं लगाया। विश्वासियों के एक प्रतिनिधि अनिकेत मेहता ने कहा कि हमने राज्य के स्वास्थ्य सचिव को पद से हटाने की मांग की थी लेकिन इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है, मुख्यमंत्री ने सिर्फ आरोप लगाया है कि मगर ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। आस्तिक ने कहा कि जब तक सभी जवानों पर अमल नहीं होगा तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी।