मजदूर की बेटी ने पिता का 20 साल पुराना सपना पूरा किया, लाडली को बधिर में देखा, जानें कहानी
सागर. कहते हैं कि अगर किसी काम को शिद्दत से करना चाहा तो सारी कायनात उसे पूरा करने में लग जाती है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है सागर जिले के खुरई से। जहां एक मजदूर की बेटी ने अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए पहले तो जी जान पढ़ाई की, और फिर से दूल्हे में सिलेक्शन परिवार का नाम रोशन किया है। अपने माँ-बाप को उनके ऊपर फ़क्र महसूस करने का अवसर दिया गया है। ट्रेनिंग के बाद जब पहली बार बेटी पिता के सामने आई तो उसकी आंखों से आंखें नहीं निकलीं। यह देखकर बेटी भी हो गई भावुक, हालांकि यहां बेटी और पिता तक का सफर इतना आसान नहीं है।
प्रशिक्षण से वापस कर घर टेडसोनिशा
पूर्वी सागर जिले के खुरई से करीब 18 किमी दूर खिमलासा गांव है। दिनेश साहू यही के निवासी थे। इनमें एक बिटिया और दो बेटे थे। बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले ठीक से ठीक से पढ़ाई हो जाए इसके लिए वह गांव को ठीक होकर खुरई नगर में चले गए। किराए से रहने लगें. दुकानदार बेलदारी करके अपने परिवार का पालन-पोषण पोषण करने के लिए आए, बच्चे भी अपने पिता के संघर्ष को देख रहे थे, इसलिए बे मन और पढ़ाई करें ग्रेज्यूएशन करने के बाद मनीषा साहू ने कॉम्पिटिटिव एक्जाम की तैयारी शुरू कर दी, जो 4 साल तक चली। राई. पहली बार एसएससी जीडी का फॉर्म भरा हुआ फॉर्म जमा किया गया, रिटर्न क्लियर होने की वजह से उन्हें वसीयत में मौका मिला। इसके बाद फिलीप की तैयारी की, फिलीपी के लिए उन्होंने सेना से बैमांडो मनोज राय से ट्रेनिंग ली। फिर वह भी साफ़ हो गया. पिछले साल सितंबर में उन्होंने केरल के पैरगाम फोर्स की ट्रेनिंग ली थी, अब उनकी पोस्टिंग 240 महिला बटालियन की है।
बच्चों ने 20 साल पहले छोड़ा था गांव
नौकरानी नौकरानी हैं कि आज उन्हें अपनी बेटी पर बहुत गर्व हो रहा है। 20 साल पहले जब मैं खुरई आया था. तो यहां पर मैंने कुछ साल पहले डीलिंग की थी, जिसकी वजह से डिजाइन में चोट लग गई थी, लेकिन फिर भी ज्यादा चल नहीं पाई। इसलिए घर पर कोचिंग की दुकान कर दी। गाँव में छोटी-मोटी खेती करने वालों की भी मदद मिल जाती है। ऐसे ही बच्चों की पढ़ाई और परिवार का पालन-पोषण हो रहा था अब ईश्वर की कृपा हुई और बिटिया को कोई सफलता नहीं मिली। जिससे पूरा परिवार खुश है।
पहले प्रकाशित : 20 सितंबर, 2024, 23:20 IST