उत्तर प्रदेश

गेहूं और आलू की फसल में कितनी मात्रा में DAP का मिश्रण? जानें बेस्ट की राय

दफ़्तर : किसान फसलों से बड़ी मात्रा में उत्पादन लेने और मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए रासायनिक अनाजों का उपयोग करते हैं, लेकिन अधिक मात्रा में रासायनिक अनाजों का इस्तेमाल करने से स्वास्थ्य खराब हो सकता है। पैदा होने वाली उपज भी स्वास्थ्य के लिए आकर्षक हो सकती है। ऐसे में जरूरी है कि किसान वैराइटी द्वारा निर्धारित मात्रा में ही वेंडरों का उपयोग करें। जरूरी है कि किसान पहले बारात परीक्षण कर लें।

जिला कृषि अधिकारी विकास किशोर ने स्थानीय 18 को बताया कि किसान खेतों से बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए लगातार रासायनिक अनाज पर अपनी आपूर्ति को बढ़ा रहे हैं। पैदा होने वाली उपज तो डिजाइन होती है। इसके अलावा स्वास्थ्य भी खराब हो रहा है। किसानों की जेब पर अतिरिक्त भार भी बढ़ता है।

रवि सीजन से पहले ये काम जरूर करें
डेवलपमेंट टीनएजर ने बताया कि ऐसे में जरूरी है कि रवि ‍कीनाड की जीवनी से पहले ‍मौखिक परीक्षण की रिपोर्ट के आधार पर ही ‍अंतरों का उपयोग करें। कोशिश करें कि किसान जैविक खाद जैसे कि हरी खाद या फिर गोबर की सड़ी हुई खाद का उपयोग करें। जिससे किसानों की लागत में कमी आएगी और पैदा होने वाली उपज भी गुणवत्तापूर्ण होगी।

4 गुना तक हो रहा डीएपी का प्रयोग
विकास किशोर ने लोक 18 में बताया कि किसान आलू की फसल की कटाई समय 3 से 4 गुना मात्रा में डीएपी यानी कि डाई अमोनियम फास्फेट का उपयोग करते हैं जो कि बेहद खतरनाक है। डीएपी में 18% डॉक्टर और 46% डॉक्टर मिलते हैं। वहीं किसानों को दो बोरी प्रति हेक्टर के खाते से डीएपी का उपयोग करने की सलाह दी गई है और किसानों को फसल की गणना के लिए अलग-अलग पोर्टफोलियो की सलाह दी गई है। बस्ते द्वारा बताई गई मात्राओं की मात्रा में कमी के दौरान और शेष मात्रा में भारी मात्रा में अवशेषों के दो बार वितरण को कहा जाता है।

पहले प्रकाशित : 21 सितंबर, 2024, 13:18 IST

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