क्राइम

दुस्साहसमन न करे दोस्तो कर वह काम, एयरपोर्ट पर जब सामने आया पूरा सच, एस्टेलिस्ट्स खिसकी हुई जमीन, अरे पिरामिड

आईजीआई हवाई अड्डा: यह कहानी (हरियाणा) के अमरगढ़ गांव में रहने वाले गांव की है। जानकारी को कुछ दिन पहले ही अपने एक दोस्त की मदद से कनाडा में नौकरी के लिए वहां का मास्टर मिला था। अपने दोस्त के स्वामित्व के आधार पर कनाडा जाने के लिए फिलाडेल्फिया के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे तक पहुंच गया, लेकिन वहां पहुंचने के बाद उसके सामने जो सचाई आई थी, उसके दर्शन के लिए दर्शन के बाद उसकी सांख्यिकी जमीन खिसक गई।

इस बात का तो अफ़सोस था ही कि उसका सपना शुरू होने से पहले ही टूट गया, बल्कि इस बात का ख़तरा था कि अपने इस सपने को पूरा करने के लिए। बाज़ार से जो लाखों रुपये थे, अब उसकी तलाश कैसे होगी . इस उधेड़बुन में फाँसी ही थी, उसी समय उसे हिरासत में लेकर आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस के कब्जे में कर दिया गया। वहीं एयरपोर्ट पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर रिजर्व के पीछे भेज दिया।

आईजीआई एयरपोर्ट की जीत उषा रंगनानी के अनुसार, अमरगढ़ गांव का रहने वाला 21 साल का बजट 28 सितंबर की देर शाम आईजीआई एयरपोर्ट पर था। उसे रात 10:50 बजे आईजीआई एयरपोर्ट से कनाडा की फ्लाइट एसी-43 से टोरंटो के लिए रवाना होना था। ब्युरो ऑफ इमिग्रेशन की जांच के दौरान पाया गया कि पासपोर्ट के पेज नंबर 14 पर कैनेडियन स्टीकर टेररिस्ट वीर फ़र्ज़ी है।

इसके बाद, ब्युमेरो ऑफ इमिग्रेशन ने सऊदी अरब को एयरपोर्ट पुलिस के कब्जे में ले लिया। वहीं एयरपोर्ट पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 318 (4) / 336 (3) / 340 (2) और 12 पासपोर्ट पर आप्रवासन की शिकायत के आधार पर एक पासपोर्ट मामले के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद, ब्लूटूथ से पूछताछ शुरू हुई। पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए.

वोट उषा रंगनानी के मुताबिक, बोली में पूछे जाने पर बताया गया कि कुछ समय पहले उनका भाई कनाडा में बेहतर रोजगार के लिए गया था। अपने भाई की राय देखकर उसने भी कनाडा जाने का निर्णय लिया। अपने इस निर्णय को अंजाम देने के लिए उसने अपने एक दोस्त के माध्यम से संदीप को एक एजेंट से मिलाया। संदीप ने उन्हें कनाडा में 18 लाख रुपये के कागजात का न केवल भरोसेमंद दिया, बल्कि उनकी मां का साजिद नाम का वादा कर दिया।

संदीप की बातों पर भरोसा कर मोहम्मद ने पांच लाख रुपये का भुगतान कर दिया और जब्त किए गए स्वामी का भुगतान कनाडा पहुंचने के बाद करने की बात तय हुई। एडवांस मीटिंग के बाद संदीप ने कनाडा के वजीर और एयर टिकटों की समीक्षा के लिए व्लादिमीर के लिए प्रस्ताव पेश किया। लेकिन, कैनेडियन स्टीकर स्टोइन्टर मास्टर की वजह से उन्हें एयरपोर्ट पर गिरफ़्तार कर लिया गया। विचारधारा के आधार पर संदीप की तलाश शुरू हो गई।

आईजीआई एयरपोर्ट के लिए एक टीम का गठन किया गया, जिसमें सभी ट्रस्टी और प्रमुख कॉन्स्टिट्यूशनर इंटरमीडिएट दलबीर भी शामिल थे। लोकलाज और टेक्निकल कम्यूनिटी की मदद से जल्द ही संदीप केबोल्ड को खोजा गया। इसके बाद आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस की टीम ने उसे हरियाणा के कैथल से गिरफ्तार कर लिया।

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