कल कितने बजे होगा माता का विसर्जन, कब करें नवमी व्रत का पारण? पंडित जी से जानिए शुभ पुजारी
पूर्णिया:- नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर 2024 से 12 अक्टूबर यानी कल दिवस शनिवार को समाप्त होगी। ऐसे में नवरात्रि को लोग हर्षोल्लास के साथ मना रहे हैं। वहीं नवरात्रि की दशमी तिथि यानि विजयादशमी पर विसर्जन को लेकर लोगों में अलग-अलग तरह की कंफ्यूजन हो रही है। जानिए माता का विसर्जन कब होगा।
पूर्णिया के पंडित मनोतपल झा ने स्थानीय 18 को बताया कि मिथिला पंचांग के अनुसार, नवमी तिथि 11 अक्टूबर रात 4:30 बजे से नवमी तक रहेगी. यानी 12 अक्टूबर दिन शुक्रवार को सुबह 4:31 बजे के बाद दशमी तिथि का प्रवेश होगा, जो शाम 4:28 बजे तक रहेगा। वहीं दो अलग-अलग शुभ उत्सवों में पूजा कर व्रत का पारण और विसर्जन किया जाएगा। इसी दौरान माता का विसर्जन होगा और रावण दहन के साथ पंचक भी इसी रात 1.02 मिनट पर प्रवेश होगा, जो अगले 5 दिन तक रहेगा।
सुबह से लेकर शाम तक रहेगी दशमी तिथि
पंडित मनोतपल झा ने लोकल 18 को आगे बताया कि सुबह 4:31 बजे से लेकर शाम 4:28 बजे तक दशमी तिथि के प्रवास से लोग इस दिन ही विसर्जन कर पाएंगे। हालाँकि दशमी तिथि के दिन दो अलग-अलग समय में अलग-अलग शुभ त्यौहार हैं। वहीं दशहरा पूजा और जयंती पूजा, अपराजिता और अष्टमी, नवमी व्रत करने वाली महिलाएं भी पारण कर सुहागिनें।
अमृतकाल का रहेगा समय, जानें पुजारी
पंडित मनोतपाल झा कहते हैं कि दशमी तिथि को पूजा या विसर्जन के लिए यह शुभ मुहूर्त सुबह 5:00 बजे से दिन के 9:00 बजे तक रहेगा। वहीं दूसरा शुभ अभिषेक दो के 1:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक रहेगा। इस दौरान लोग जयंती धारण, अपराजिता पूजन, अष्टमी नवमी व्रत का पारण श्राद्ध करते हैं। हालाँकि व्रती गंगाजल और गाय के दूध से पारण करेंगे।
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रावण दहन का समय जानें
पंडित जी कहते हैं कि शनिवार को होने वाले विसर्जन से कोई फर्क नहीं पड़ता और मां का विसर्जन 12 तारीख को इन दो शुभ उत्सव में किया जा सकता है। हालांकि उसी दिन रात 1:02 बजे भादवा अर्थात पंचक की भी शुरुआत होगी, जो अगले 5 दिन तक रहेगा। इसलिए इस दिन ही रावण दहन भी किया जाएगा। रावण दहन के लिए शुभ मुहूर्त की अगर करें तो रावण दहन सूर्य से देर रात 10:30 बजे तक कर सकते हैं।
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पहले प्रकाशित : 11 अक्टूबर, 2024, 20:06 IST
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