
रिजल्ट आने से 2 दिन पहले पिता ने बांट दी मिठाई, पहली ही कोशिश में बेटी बनी जज, बोली- ‘कोर्ट में तो…’- बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा में पहले ही प्रयास में जज बनीं बबली यादव, 6वीं की पढ़ाई करती थीं -प्रतिदिन 8 घंटे की सबसे प्रेरणादायक कहानी
चंदन कुमार. आरा. कहते हैं इंसान अगर दृढ़ इच्छा शक्ति और लग्न के साथ कुछ करने की थान ले तो पर्वत के शिखर पर जाना भी उसके लिए आसान हो जाता है। यह कहावत आरा की एक बिटिया ने चरितार्थ कर दिया है जिसने बिहार राज्य प्रतियोगिता परीक्षा में पूरे राज्य में आठवां स्थान स्थापित घर परिवार अपने जिले का नाम रोशन कर दिया है। अपने पहले प्रयास में ही टॉप टेन में बनी बिटिया बबली राज भोजपुर जिले के जगदीशपुर जिले के श्रीपुर गांव के निवासी मनमोहक कुमार यादव की बेटी है। वहीं आरा शहर के ब्लॉक रोड में पिछले 40 वर्षों से अपना मकान मालिक रहने वाला बबली राज का परिवार भी काफी पढ़ा गया है। फादर सिद्धार्थ कुमार यादव जहां काठू में ट्रेनर के पद पर कर्मचारी हैं।
पटना यूनिवर्सिटी से एलएलएम की पढ़ाई
महिमा डॉक्टर निक्कील सिंह आरा के सहजानंद ब्रह्माशी कॉलेज में मनोचिकित्सक विभाग में नामांकित प्रोफेसर के पद पर हैं। 26 साल की उम्र में ही अपने पहले प्रयास में ही पूरे बिहार में आठवां स्थान बनी बबली राज की प्रारंभिक शिक्षा आर के डेवी स्कूल से शुरू हुई। 2013 में क्रैक की परीक्षा पास की। उसके बाद माउंट पार्क पब्लिक स्कूल से इंटरनैशनल परीक्षा पास की। चाणक लॉ यूनिवर्सिटी से एलएलबी परीक्षा 2021 में डाउनलोड करें। इसके बाद एलएलएम की पढ़ाई पटना यूनिवर्सिटी से 2023 में पूरी की गई।
बचपन से ही कुछ अलग करने की चाहत रखने वाली बबली के माता-पिता भी बेटी की सफलता पर काफी खुश हैं। कॉलेज के दिनों से ही ऐतिहासिक सेवा में जाने का सपना पाल रखने वाली बबली ने सबसे पहले परीक्षा में इतिहास रचा। आपके तीन भाई-बहनों में बबली दूसरे नंबर पर है। बड़ा भाई विवेक राज पटना मेट्रो में प्रोजेक्ट इंजीनियर है। छोटी बहन सौम्या राज ग्रेजुएट पास करके परीक्षा की तैयारी में लगी हुई है। बेटी की सफलता पर खुशी मना रहे माता-पिता ने बताया कि बबली बचपन से ही काफी मेधावी थी। परीक्षा से लेकर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करके स्वर्ण पदक लाती थी।
पिता ने नतीजे आने के दो दिन पहले ही बांटी थी मिठाई का विवरण
परीक्षा में सफल होने का अनुमान यह भी है कि उन लोगों के बीच में बहुत कुछ मिला था तो पिता ने दो दिन पहले ही परीक्षा परिणाम दिए थे। रिजल्ट आने के बाद बिटिया ने पूरे बिहार में आठवां स्थान प्राप्त किया, जिसमें भोजपुर जिला शामिल है, जिसमें उसके माता-पिता का नाम रोशन किया गया है। हर रोज 6 से 8 घंटे की पढ़ाई के लिए बबली ने कोचिंग का भी सहारा लिया। अपनी सफलता का श्रेय अपने दादाजी, अपने गुरुजन एवं माता-पिता को दिया। बहन की सफलता पर इंजीनियर भाई की भी खुशी का जिक्र नहीं था।
बबली ने बताया, ‘कॉलेज में जाने के बाद लॉ की पढ़ाई के दौरान हम लोग कोर्ट में जज करते थे। ‘उन्हें पहली बार लगा कि जजमेंट है।’
टैग: भोजपुर समाचार, बिहार समाचार, सफलता की कहानी
पहले प्रकाशित : 29 नवंबर, 2024, 23:34 IST