
मोटापा हार्ट, फेफड़ों और ब्रेन को भी कर सकता है बर्बाद ! वक्त रहते ऐसे करें बचाव, लंबी उम्र तक रहेंगे हेल्दी
मोटापा कम करने के उपाय: मोटापा हमारी सेहत के लिए बेहद खतरनाक होता है. इससे कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. मोटापे से कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज समेत कई खतरनाक डिजीज का रिस्क कई गुना बढ़ जाता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो मोटापा हार्ट, लंग्स, ब्रेन, आर्टरीज और आंखों को भी नुकसान पहुंचा सकता है. लोगों को मोटापे को कम करने के लिए सही डाइट और एक्सरसाइज पर ध्यान देना चाहिए. इसके अलावा अच्छी लाइफस्टाइल भी मोटापे पर लगाम लगाने के लिए बेहद जरूरी है. आज आपको बताएंगे कि मोटापा कितना खतरनाक हो सकता है.
PGI चंडीगढ़ की चीफ डाइटिशियन डॉ. नैन्सी साहिनी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मोटापा इनफर्टिलिटी और फैटी लिवर समेत तमाम बीमारियों का कारण बन सकता है. पेट पर जमा चर्बी ज्यादा खतरनाक होती है, क्योंकि यह हार्ट और अन्य जरूरी अर्गन को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है. बड़ी संख्या में लोग अनहेल्दी डाइट, फिजिकल एक्टिविटी की कमी, प्रोसेस्ड व पैकेज्ड फूड्स, शुगरी ड्रिंक्स का सेवन करने से मोटापे का शिकार हो रहे हैं. बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल भी मोटापे की एक बड़ी वजह हो सकती है. अगर खान-पान पर ध्यान दिया जाए, तो मोटापे से काफी हद तक राहत मिल सकती है.
डाइटिशियन ने बताया कि पीजीआई चंडीगढ़ की डाइट क्लीनिक हर दिन करीब 150 मरीजों को मोटापे से निजात पाने के तरीके बताता है और उनका डाइट प्लान बनाने में मदद करता है. मोटापा आजकल स्वास्थ्य के लिए बड़ी समस्या बन गया है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार सर्वेक्षण के अनुसार चंडीगढ़ में 44 प्रतिशत महिलाएं और 38 प्रतिशत पुरुष मोटापे से ग्रस्त हैं. पीजीआई के एक अध्ययन में यह भी सामने आया है कि चंडीगढ़ के स्कूलों में 40 प्रतिशत से अधिक बच्चे मोटे हैं और इनमें लड़कियों का वजन लड़कों से ज्यादा है. ऐसे में शुरू से ही लोगों को अपनी सेहत का खयाल रखने की जरूरत होती है.
PGI चंडीगढ़ के एंडोक्रोनोलॉजी और मेटाबॉलिज्म डिपार्टमेंट की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आशु रस्तोगी के अनुसार महिलाओं में डायबिटीज और मोटापे का खतरा पुरुषों के मुकाबले 1.5 गुना अधिक होता है, क्योंकि वे घर के कामकाज को एक्सरसाइज नहीं मानती हैं. गर्भावस्था के दौरान जिन महिलाओं को जेस्टेशनल डायबिटीज की समस्या होती है, उन्हें मोटापे और इसके संबंधित जोखिमों से बचने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए. ऐसे मामलों में शारीरिक गतिविधि और संतुलित आहार की आदतें और भी अधिक जरूरी हो जाती हैं, ताकि मां और बच्चे दोनों का स्वास्थ्य सही बना रहे.
डॉ. रस्तोगी महिलाओं को सलाह देती हैं कि सभी फीमेल्स को सप्ताह में कम से कम 150 मिनट एक्सरसाइज या अन्य फिजिकल एक्टिविटी करनी चाहिए. इसमें एक घंटे में 5 किलोमीटर चलना और कुछ रजिस्टेंस ट्रेनिंग शामिल करना बहुत फायदेमंद है. सिर्फ 5 से 7 प्रतिशत वजन कम करना भी कई हेल्थ कंडीशंस में सुधार ला सकता है. मोटापा न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डाल सकता है. मोटापा ब्रेन फंक्शनिंग को कम कर सकता है और डिमेंशिया जैसी बीमारियां हो सकती हैं. मोटापा फेफड़ों की क्षमता को प्रभावित करता है और आंखों की सेहत पर भी हानिकारक प्रभाव डालता है. इससे कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के साथ-साथ हार्ट डिजीज का खतरा भी बढ़ जाता है.
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पहले प्रकाशित : 30 नवंबर, 2024, 10:42 IST