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Child disease news – News18 हिंदी

सीकर. सर्दी का मौसम बच्चों को परेशान करने वाला रहता है, स्कूल जाने वाले छोटे-छोटे बच्चों को इस मौसम में अनेकों बीमारियों का सामना करना पड़ता है. यह मौसम छोटे बच्चों के लिए एक चुनौती की तरह रहता है. खासकर ऐसा उन बच्चों के लिए है जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली अभी तक पूर्ण रूप से विकसित नहीं हुई है. इन बच्चों को सर्दी में अस्थमा, निमोनिया, ब्रोंकाइटिस व ब्रोकियोलाइटिस बच्चों जैसे श्वास संबंधी रोग हो जाता है.

ठंडी में बढ़ जाता है संक्रमण का खतरा
ऐसे में सर्दी छोटे बच्चों के साथ-साथ उनके माता-पिता को भी परेशान करने वाली रहती है. इस मौसम में बच्चों को हल्की सी छींक आने पर उनकी मां परेशान हो उठती है. डॉक्टर मुकेश लोरा के अनुसार इस मौसम में इन्फ्लूएंजा, एडिनोवायरस, पैराइन्फ्लूएंजा और रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस (आरएसवी) संक्रमण का खतरा काफी बढ़ जाता है.

यह हैं इनके लक्षण
बच्चों में वायरस जनित रोग होने पर यह उनको काफी अधिक परेशान कर सकता है. ऐसे में इससे पहले ही बचाव करना चाहिए. डॉक्टर मुकेश लोरा ने बताया कि इन वायरस जनित रोगों के कारण बच्चों में कुछ लक्षण दिखाई देने लगते हैं. जिसमें खांसी होना, बलगम का आना, सांस लेने में कठिनाई, बुखार आना, सीने में दर्द मुख्य है. ऐसे लक्षण दिखते ही बच्चों को तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाना चाहिए, क्योंकि सामान्य एंटीबायोटिक दवाएं वायरस पर असर नहीं करती हैं. इन रोगों का उपचार लक्षण आधारित होता है. इनका इलाज बच्चों में थोड़ा अलग हो सकता है.

ये है उपचार के कुछ तरीके
डॉक्टर ने बताया कि वायरल ग्रसित बच्चों को पर्याप्त आराम करने देना चाहिए ताकि उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली वायरस से लड़ने में मदद कर सके. इसके अलावा तरल गर्म पेय पदार्थ-बच्चों को पर्याप्त गुनगुना तरल पदार्थ देना चाहिए ताकि वे हाइड्रेट रहें और उनके शरीर को वायरस से लड़ने में मदद मिल सके. वहीं हो सके तो बच्चे को भाप देना चाहिए, यह बच्चों में खांसी और जुकाम के लक्षणों को कम करने में मदद करता है.

सर्दी के मौसम में रखें यह सावधानियां

छोटे बच्चों को अधिकांश रोग सर्दी के समय ही होते हैं. इस दौरान उनके माता-पिता को कुछ सावधानियां रखनी चाहिए. जैसे कि सर्दी के मौसम में ज्यादा बाहर नहीं जाने दें, नियमित रूप से गर्म पानी से हाथ धोएं, बाहर जाने पर मास्क पहनाएं, सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें, स्वस्थ आहार दें और पर्याप्त नींद लेने दें. इसके अलावा सबसे मुख्य बात बच्चों का नियमित रूप से टीकाकरण करवाना चाहिए.

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