लाइफस्टाइल

It is not necessary to look beautiful in every photo हर फोटो में खूबसूरत दिखना जरूरी नहीं : सानिया मिर्जा, लाइफस्टाइल न्यूज़

टेनिस सनसनी के नाम से मशहूर सानिया मिर्जा जाने कितनी लड़कियों के लिए प्रेरणा हैं। मां बनने के बाद उन्होंने जिस तरह खुद को फिट बनाया, उनकी उस लगन से बहुत कुछ सीखा जा सकता है। पेश हैं सानिया के साथ बातचीत के कुछ अंश-
सोशल मीडिया पर लगातार कुछ मजेदार, प्रेरक या खास करने का दबाव लगभग हर सेलिब्रिटी को झेलना पड़ता है। लेकिन इन सबके बीच ऐसा नहीं होना चाहिए कि अपनी असल शख्सीयत ही कहीं गुम हो जाए। यह मानना है देश की टेनिस स्टार सानिया मिर्जा का। टेनिस खिलाड़ी सानिया मानती हैं कि उनके जैसे तमाम सोशल इन्फ्लूएंसर्स समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में मददगार हो सकते हैं। वह कहती हैं, ‘हम पर एक जिम्मेदारी है। करोड़ों लोग हमें फॉलो करते हैं और हमसे प्रेरित होते हैं…मुझे नहीं लगता कि मुझे अपनी हर फोटो में खूबसूरत ही दिखना चाहिए। मैं ऐसा नहीं कर सकती। जब मैं खेल रही होती हूं तो ज्यादातर मौकों पर पसीने से सराबोर होती हूं, मेरे चेहरे पर मेकअप नहीं होता और मैं अपने वास्तविक रूप में होती हूं। ऐसे कई मौके भी आए हैं, जब मैंने अपनी उन फोटोज को भी पोस्ट किया, जिनमें मैं बहुत बुरी दिख रही थी।’
ऑनलाइन दुनिया में खुद को सबसे बेहतर दिखाने में सानिया की कोई रुचि नहीं है।  33 वर्षीय सानिया कहती हैं, ‘हम सबमें कुछ न कुछ कमी है। चूंकि हम सेलिब्रिटी हैं, इसलिए लोग हमसे हमेशा परफेक्ट दिखने की उम्मीद रखते हैं। मैं हमेशा शारीरिक बनावट का मजाक उड़ाए जाने के मुद्दे का विरोध करती रही हूं। यह समस्या मुख्य रूप से ्त्रिरयों को उनके वजन को लेकर झेलनी पड़ती है- चाहे वे प्रेग्नेंट हों या उनका वजन थोड़ा बढ़ गया हो। सोशल मीडिया एक बड़ा मंच है। इसमें हम अपने वास्तविक रूप में रहें, यह बेहद जरूरी है- यह कहना है पद्मभूषण टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा का।
हाल ही में सानिया का एक ट्वीट वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने प्रसव के बाद अपनी दोबारा फिट होने की प्रक्रिया के बारे में लिखा था। इसमें उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने अपना वजन 89 किलोग्राम से घटाकर 63 किलो किया। वह बताती हैं कि इसके पीछे सबसे बड़ी प्रेरणा रहे उनके क्रिकेटर पति शोएब मलिक, जिन्होंने लगातार उनका उत्साह बढ़ाया।

इसके पीछे कोई और भी है, जो उन्हें लगातार अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्र बनाए रखता है- उनका एक वर्ष का बेटा इजहान। वह कहती हैं, ‘चाहे मेरा दिन कितना भी बुरा क्यों न गया हो, लेकिन जैसे ही मैं उसकी ओर देखती हूं, मेरा सारा तनाव दूर हो जाता है। मुझे आशा है कि जब वह बड़ा होगा तो उसे अपनी मां पर गर्व महसूस होगा।’ सानिया बच्चों को ऐसी परवरिश देने पर जोर देती हैं, जिसमें वे बराबरी का महत्व समझ सकें। वह कहती हैं, ‘हम सभी को इसके लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है। मेरा एक बेटा है, इसलिए मैं कह सकती हूं कि उसकी परवरिश इस तरह हो कि वह समझ सके, हर किसी के प्रति आदर, प्रेम और संवेदना कितनी महत्वपूर्ण है, फिर चाहे वह स्त्री हो या पुरुष। मैं बहुत आशावादी हूं और मुझे यकीन है कि हममें से ज्यादातर लोग अच्छे हैं, इसलिए जब हम मिलकर अच्छा काम करेंगे तो स्थितियां भी बेहतर होंगी।’
बॉलीवुड में खिलाड़ियों की बायोपिक बनाने को लेकर ट्रेंड चल निकला है। पिछले कुछ समय से सानिया मिर्जा की जिंदगी पर बनने वाली फिल्म को लेकर भी काम चल रहा है। सानिया बताती हैं , ‘प्रोड्यूसर रोनी स्क्रूवाला के पास फिल्स के अधिकार हैं। वह अभी निर्देशक और कलाकारों का चयन कर रहे हैं…फिलहाल मैं बस इतना ही बता सकती हूं।’
-श्रेया मुखर्जी

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