वंदे भारत स्लीपर संस्करण अच्छी खबर रेल मंत्री अपडेट भारतीय रेलवे ने परीक्षण चरण शुरू किया – भारत हिंदी समाचार
ऐप पर पढ़ें
स्लीपर वंदे भारत: पांच साल पहले शुरू हुई वंदे भारत ट्रेनों को काफी सक्सेस मिली है। अब भारतीय रेलवे वंदे भारत का स्लीपर वर्जन लॉन्च करने की तैयारी में है। इसके जरिए लोग लंबे रूट पर आराम से सोते हुए यात्रा कर सकेंगे। अभी तक वंदे भारत चेयर कार में यात्री बैठकर यात्रा करते हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में वंदे भारत स्लीपर और वंदे मेट्रो ट्रेनों को लेकर बड़ी खुशखबरी दी है। उन्होंने बताया है कि ये ट्रेनें अब टेस्टिंग स्टेज पर पहुंच गई हैं।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव पिछले दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट पर बात कर रहे थे। न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, इसी दौरान उन्होंने मीडिया को बताया कि 50 नई अमृत भारत ट्रेनों को भी सेंक्शन किया गया है। उन्होंने कहा, ”स्लीपर वंदे भारत और वंदे मेट्रो अब टेस्टिंग स्टेज पर पहुंच गई हैं।” इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि वंदे भारत ट्रेनों का प्रोडक्शन दस दिन या फिर एक हफ्ते में एक ट्रेन पर आ गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, स्लीपर वंदे भारत की शुरुआत 15 अगस्त तक की जा सकती है। 16 कोच वाली स्लीपर वंदे भारत में 823 यात्रियों की यात्रा करने की कैपेसिटी होती है।
उन्होंने आगे कहा कि अमृत भारत को जनवरी में लॉन्च किया गया था और किसी भी नई ट्रेन के लिए कम-से-कम एक को टेस्टिंग के लिए रखा जाता है। 50 अमृत भारत ट्रेनों को मंजूरी दी गई है। काम पहले ही शुरू हो चुका है। ये पूरी तरह से नॉन-एसी ट्रेनें हैं। 22 कोचों में से 11 स्लीपर और 11 जनरल हैं।” फिलहाल अभी कुछ रूट्स पर अमृत भारत ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है।
‘रेलवे अगले पांच साल में मुंबई में 250 नई उपनगरीय सेवाएं जोड़ेगा’
वहीं, रेल मंत्री ने यह भी बताया कि रेलवे ने अगले पांच साल में मुंबई में 250 नई उपनगरीय सेवाएं जोड़ने, रेल नेटवर्क को नया रूप देने और देश की वित्तीय राजधानी में रेल यात्रा में सुगमता के लिए नए मेगा टर्मिनल बनाने की योजना बनाई है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रेलवे मुंबई और उसके उपनगरीय क्षेत्रों में परिवहन में सुधार के प्रयासों के तहत ट्रेनों की ‘क्रॉस मूवमेंट’ को कम करने के लिए उपनगरीय नेटवर्क को पुनः डिजाइन करने की योजना बना रहा है। मंत्री ने कहा कि रेलवे दो ट्रेन के बीच की दूरी को वर्तमान 180 सेकंड से घटाकर 150 सेकंड करने के लिए नई प्रौद्योगिकियों को लागू करने की भी योजना बना रहा है।