क्राइम

पुलिस की 20 गाड़ियाँ, 3 घंटे का ऑपरेशन, फिर जाँबाज़ सिपाही भाई-बहन को इस तरह किडनैपर्स के खुलासे से बचाया गया – दिल्ली पुलिस की 20 गाड़ियाँ 3 घंटे तक चला ऑपरेशन, बहादुर जवानों ने अपहरणकर्ताओं को नाकाम किया, भाई-बहन को बचाने की बोली

नई दिल्ली. देश की राजधानी में पुलिस और प्रशासन के निशाने पर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती. एक बार फिर ऐसा ही मामला सामने आया, जब फ़्लोरिडा ने भीड़-भाड़ वाले इलाके से भाई-बहन को कार में बिठाकर अपहरण कर लिया। बिश्नोई के माता-पिता ने तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए गठित टीम और किडनैपर्स की तलाश में छापेमारी की। खुद को गिरफ़्तार करते हुए देखा किडनाईपर्स को कार सहित वापस ले लिया गया। अधिकारियों ने बताया कि दोनों प्रतिष्ठान पूरी तरह से सुरक्षित और स्वतंत्र हैं। आगे की सफ़र की जा रही है.

पूर्वी दिल्ली जिले के डीसीपी के अनुसार) शुक्रवार रात करीब 11:40 बजे 11 साल की लड़की और 3 साल की लड़की की कार में शामिल होने की सूचना मिली थी। दोनों बच्चे अपने माता-पिता की कार में बैठे थे। कार लक्ष्मी नगर विकास मार्ग पर हीरा स्वीट्स पार्क के सामने स्थित था। कार का इंजन ऑन मॉड पर था. माता-पिता थोड़ी देर के लिए हीरा स्वीट्स में मिठाई के लिए दिए गए थे। इस बीच किडनैपर्स को अवसर मिले, जिसमें पार्टिसिपेंट्स को शामिल किया गया। बाद में असेंबल ने वैलेंटाइन्स के माता-पिता को फोन करके 50 लाख रुपये की अचल संपत्ति वापस ले ली। डीसीपी ने आगे बताया कि पीड़ित अनशनकारियों की मां का फोन उनकी बेटी के पास था। किडनैप पर एक ही मोबाइल फोन से कॉल कर किराये की अचल छूट थी।

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पुलिस ने तत्काल प्रभाव से कार्रवाई शुरू कर दी है
सूचना-प्राप्ति अवकाश दल तुरंत सक्रिय हो गया। शकरपुर के SHO ने पीड़ित आरोपियों की मां के साथ और लक्ष्मी नगर के SHO ने पीड़ितों के पिता के साथ टेक्निकल असिस्टेंस के साथ किडनैपर्स का पीछा करना शुरू कर दिया. इसमें शकरपुर थाना के दो और रिकॉर्ड भी शामिल हैं। अपहृत बच्चों की तलाश के लिए स्पेशल स्टाफ, ए कूस और एसीपी मधु विहार की टीम को भी भेजा गया। फ़्लोरिडा पुलिस की टीम ने लगभग 20 गिरोहों द्वारा लगभग 3 घंटे तक अपहरणकर्ताओं का पीछा किया। खुद को गिरफ़्तार करते देख अपराधी कार और सामान को ख़त्म कर दिया गया।

दोनों जोड़े सुरक्षित
पुलिस ने बताया कि दोनों बच्चे सुरक्षित और स्वस्थ हैं। उन्हें उनके माता-पिता से मिलवाया गया है। आभूषण और मोबाइल फोन समेत कुछ बेशकीमती सामान भी सही-सलामत मिले, क्योंकि साहिरेख्तार को कुछ भी लेने का समय नहीं मिला। अन्य सहायक उपकरण पुलिस दल ने विशेष रूप से बाहरी उत्तरी जिलों और अस्पतालों से इस ऑपरेशन में बहुत मदद की और उनकी तत्काल कार्रवाई और सहायता से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया।

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