एमबीबीएस प्रवेश: आसान नहीं है डॉक्टरेट की पढ़ाई, एक सीट पर कितना उम्मीदवार?
एमबीबीएस प्रवेश: नीट (NEET) की परीक्षा देने वाले अधिकांश छात्र-छात्राओं का ख्वाब डॉक्टर बनने का रहता है। नीट परीक्षा में मिले इम्प्रूवमेंट के आधार पर ही अभ्यर्थियों को मेडिकल कोर्सेज में प्रवेश मिलता है। इस साल, वर्ष 2024 की बात करें तो कुल 24 लाख 6 हजार 79 अभ्यार्थियों ने नीट यूजी परीक्षा के लिए आवेदन किया था, जिसमें से 23 लाख 33 हजार 297 ने नीट यूजी परीक्षा में हिस्सा लिया। मेडिकल कोर्सेज के लिए दस्तावेजों की लंबी कतार है।
नीट परीक्षा में कितने पास?
नीट परीक्षा (नीट परीक्षा) में भले ही 23 लाख ने हिसासा लिया हो, लेकिन इसमें सफलता पाने वालों की कमाई 13 लाख 16 हजार 268 ही रही। मतलब साफ है कि मेडिकल कोर्सेज में दाखिला लेने के लिए अभी भी 13 लाख से ज्यादा ऑटोमोबाइल लाइन में हैं, हालांकि इनमें से सभी अभ्यर्थी अलग-अलग कोर्सेज में दाखिला ले चुके हैं। एक सचाई यह भी है कि आलमारी प्रिफ़रेंस डॉ. फ़्रांसिसी नाम की कंपनी में ख़रीदारियाँ लेना ही होता है।
कितनों को अंतिम मंजिल
अब सवाल यह है कि 13 लाख छात्र-छात्राओं में से कितने अभ्यर्थी छात्र (एमबीबीएस एडमिशन) ले सकते हैं, यानी कि कितने अभ्यर्थी छात्र-छात्राओं के डॉक्टर बनने का सपना पूरा हो सकता है, तो बताइए कि देश में कितने अभ्यर्थी छात्र-छात्राओं की कुल दाखिला राशि एक लाख 12 है हजार हैं, यानी कि 13 लाख में से सिर्फ एक लाख 12 हजार में ही दाखिला मिल सकता है। यह हाल तब है जब देश में आदिवासियों की शोभा बढ़ाई जाती है।
पहले था सिर्फ 51 हजार की बढ़ोतरी
साल 2017 तक देश में 387 मेडिकल कॉलेज हुए थे, जहां मेडिकल डॉक्युमेंट्स की पढ़ाई हुई थी। केंद्र सरकार की ओर से बताए गए ब्योरे के अनुसार, अब देश भर में मेडिकल भंडार 731 हो गया है, जिसके बाद वहां भी भव्यता की झलक दिखाई गई है। पहले रियलिटी की कुल संख्या 51,384 थी, जो अब 1.12 लाख हो गई है।
एक सीट पर कितना दावा
13 लाख छात्रों के बीच एमबीबीएस (एमबीबीएस) की एक लाख 12 हजार की प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है। ऐसे में अब सवाल है कि ईसाइयों की एक सीट पर करीब 8 से 9 आरोपी हैं। यानी कि यात्री लेकर डॉक्टर बनने की राह इतनी आसान नहीं है।
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पहले प्रकाशित : 8 अगस्त, 2024, 12:39 IST