ट्रेनी डॉक्टर राजकुमार और यूक्रेन के सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्मरण, सीजेआई चंद्रचूड़ खुद सुनेंगे
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और नरकंकाल के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वंय: स्मारक है। शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई 20 अगस्त की वाद सूची के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ की वैशाली वाली पीठ ने मंगलवार को ‘आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या की घटना और संबंधित मुद्दे’ शीर्षक वाले मामले की सुनवाई। कलकत्ता हाई कोर्ट ने हाल ही में मामले की जांच में कोलकाता पुलिस से लेकर शिकायत की जांच की है। सरकारी अस्पताल के दीक्षा हॉल में जूनियर डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर के मामले में व्यापक विरोध प्रदर्शन को जन्म दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप इस मामले में बढ़ते लोगों के दबाव और राज्य सरकारों द्वारा गलत तरीके से मामले से स्थापना के लिए नियुक्त किया गया है। पहले से ही जांच के अधीन इस मामले ने भारत में व्यावसायिकता, विशेष रूप से महिलाओं की सुरक्षा के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं। यूट्यूब में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं और पीड़ित महिला को न्याय दिलाने की मांग की जा रही है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में स्टर्लिंग ट्रेनी डॉक्टर के पद पर स्थापना थी। उस अस्पताल के संरक्षण हॉल में हॉस्टल पर हमला किया गया और बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई। पीड़ित के परिवार और समर्थकों का आरोप है कि एक अपराधी था और वे सभी पीड़ित न्याय के कटघरे में गहन जांच के लिए आए थे। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पुष्टि हुई है कि क्लार्क की मौत से पहले उनका यौन शोषण किया गया था।
उच्च न्यायालय ने यूनिवर्सिटि को दी गई जांच की
उच्च न्यायालय ने इस मामले के संबंध में सबसे पहले पूछताछ की थी। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से जांच पर स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को भी कहा था। अदालत ने पूर्व निर्माता का बयान दर्ज करने में देरी पर भी सवाल उठाया और पूछा कि राज्य सरकार को क्या करना है। वहीं, अस्पताल में हुई रेस्टॉरेंट पर भी कोर्ट ने हंगामा किया। उच्च न्यायालय ने कहा था कि चिकित्सा सुविधा की राजकीय महाविद्यालय पूर्ण विफलता थी। कोर्ट ने कहा कि वह अस्पताल बंद कर देगी और सभी को वहां से हटा देगी।