अजित देवता को मनाया गया, एकनाथ शिंदे भी खुश; महाराष्ट्र में गठबंधन को मजबूत करने में आजाद भाजपा
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले अपने गठबंधन को मजबूत करने के लिए बीजेपी ने पूर्व में तय के अनुसार राकांपा (अजीत राइटर) को एक राज्य बनाया है। महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में राकांपा की सफलता को लेकर केंद्र सरकार में शामिल होने की भी कोशिश की जा सकती है। आलोचकों का कहना है कि हाल में अजित के बयान और उनकी पार्टी के केंद्र सरकार में शामिल होने से राकांपा को लेकर काफी उहापोह हो रहा है।
महाराष्ट्र में अगले महाचुनाव की घोषणा, होने की संभावना। चुनाव नवंबर-नवंबर में हो रहे हैं। ऐसे में बीजेपी राज्य में अपनी गठबंधन सरकार को बरकरार रखने के लिए अपने सहयोगियों को पूरी तरह से साधन में शामिल कर लिया है। भाजपा और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी के बीच तो कोई समस्या नहीं है, लेकिन अजीत के नेतृत्व वाली राकांपा को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। असली विनोद में अंतिम सफलता न मिलना और अजित की पत्नी की हार के बाद स्टालिन की भूमिका निभाई जाती है। इसके बाद मंत्री पद को लेकर लेकन राकांपा ने मोदी सरकार में शामिल न होने का भी फैसला लिया। हालांकि संकेत यह है कि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा अजित के एक बार फिर से केंद्र सरकार में शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है।
दो आयाम पर बराबर खंडवारा
इस बीच भाजपा ने सागर में एक सीट राकांपा को देने का वादा किया, जो कि प्लास्टिक और ज्वालामुखी वाली दो सीटों में से एक थी। इस पर बीजेपी ने भी जताई सहमति. इसके बाद भी भाजपा को भरोसा नहीं हो रहा है कि वह विधानसभा चुनाव के ठीक पहले पाला न बदले ले। हालाँकि, भाजपा नेताओं का कहना है कि अजित पवार की स्थिर स्थिति में फिर से उनके चाचा शरद पवार के साथ जाने से नुकसान ही होगा। इसलिए चुनावी गठबंधन में कोई बदलाव नहीं आएगा।
एलायंस फ़्रांक्शन इंप्रेशन से निषेध की संस्था
हाल ही में अजीत ने अपने परिवार को लेकर जो बयान दिया था, उसमें कहा गया था, स्मारक स्थल की राकांपा फिर से एकजुट हो सकती है, लेकिन बीजेपी अजीत ने अपने परिवार को आश्वासन देते हुए एक सीट दे दी। भाजपा नहीं चाहती कि उसका गठबंधन खराब हो जाए और कोई दोस्त खत्म न हो जाए। यही वजह है कि वह अभी से ही अवकाश के दिनों को लेकर दूसरे स्तर पर सहयोगी गुट के साथ बातचीत भी कर रही है।