उत्तर प्रदेश

संजय सिंह नहीं होंगे गिरफ्तार, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- निचली अदालत के फैसले के विपरीत, 23 साल पुराना है मामला – आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह नहीं होंगे गिरफ्तार, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दी बड़ी राहत

लखनऊ. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने साल 2001 के एक मामले में सुल टिकटपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट के उस आदेश के अमल पर रोक लगा दी थी, जिसमें संजय सिंह के खिलाफ गैरजमानती रेंटल जारी किया गया था। अंतिम पेशी अदालत ने पिछले वर्ष 11 जनवरी को संजय सिंह को वर्ष 2001 में उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने और सड़क पर हंगामा करने के आरोप में तीन महीने के सश्रम अपराधी की सजा सुनाई थी। 1,500 रुपये की कटौती का भी अनुमान लगाया गया था।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की याचिका में कहा गया है कि संजय सिंह को अपनी जमानत याचिका पर आदेश देने के लिए आनापुर अदालत में दाखिल होने तक सहमति की आवश्यकता नहीं है। गुरुवार को कोर्ट ने इसपर अपना फैसला सुनाया. संजय सिंह और 5 अन्य को सुल्तानपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 11 जनवरी 2023 को इस मामले में दोषी ठहराया था और इस साल 6 अगस्त के सत्र में कोर्ट ने उनकी अपील खारिज कर दी थी। सुल्तानपुर की विशेष अदालत ने 13 अगस्त को संजय सिंह, समाजवादी पार्टी के नेता अनूप सांडा और 4 अन्य के गैर-जमानती वारंट जारी किए थे।

इलाहबाद उच्च न्यायालय ने कहा?
इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस केएस के वकील की पृष्णि ने गुरुवार को संजय सिंह द्वारा रिव्यू बुक पिटीशन का ऑर्डर दिया। याचिका ने अंतिम सुनवाई के लिए याचिका दायर की, जिसे स्वीकार करते हुए याचिका अदालत के आदेश पर अमल पर रोक लगा दी गई। इलिनोइस हाईकोर्ट ने कहा कि याची को विशेष अदालत की संतुष्टि के लिए 50,000 रुपये का निजी मुचलका भरना होगा। साथ ही इस वचन में कहा गया है कि जब उनकी याचिका अपॉइंटमेंट के लिए लिपिबद्ध की जाएगी तो वह या उनके वकील उपस्थित होंगे।

‘लोअर कोर्ट के फैसले विरोधाभासी’
उच्च न्यायालय ने आदेश देते हुए कहा कि पहली नजर में आईपीसी की धारा 143 और 341 के तत्व गायब हैं और दोनों न्यायिक अदालतों के निर्णय विरोधाभासी हैं। विशेष अदालत ने संजय सिंह की फिल्म की धारा 143 (गैर कानूनी सभा के सदस्य का होना) और 341 (किसी व्यक्ति को गलत तरीके से लाभ) के तहत दोषी ठहराया था। हाईकोर्ट में संजय सिंह की पैरवी में सीनियर वकील और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नेता एससी मिश्रा ने तर्क दिया कि अभियोजन पक्ष के गवाहों की गवाही ने अभियोजन पक्ष के मामले को गलत साबित कर दिया है। मिश्रा ने कहा कि राजनीतिक प्रतिशोध के कारण संजय सिंह को कुछ अन्य आपराधिक मामलों में भी फर्जी तरीके से फंसाया गया है।

पहले प्रकाशित : 22 अगस्त, 2024, 23:00 IST

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