काम पर लौटें, नहीं होगी कार्रवाई; सीजेआई बोले, देश न्यूज पर हमला
सुप्रीम कोर्ट ने हड़ताल पर दिए गए विचारवेत्ता से काम पर वापस आने का आग्रह किया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या से संबंधित मामलों की सुनवाई फिर से शुरू की। इन्वेस्टिगेशन सेंट्रल ब्यूरो को आज की जांच रिपोर्ट पर स्टेटस रिपोर्ट में नियुक्ति के लिए कहा गया है।
मामले की सुनवाई के दौरान भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अवाम वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार की खानदानी और बंगाल पुलिस के साथ-साथ मेडिकल कॉलेज के पूर्व निर्माता संदीप कुमार घोष की भूमिका की आलोचना की। पृश्ठ ने घोष की भूमिका पर भी सवाल उठाया और कहा कि ऐसा लगता है कि हत्या को आत्महत्या के रूप में पेश करने का प्रयास किया गया था।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम के कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की प्रयोगशाला में आपको डॉक्टर के साथ कथित आरोपी और हत्या के मामले की सुनवाई के लिए बुलाया है: सोमवार को 10 साल की उम्र में एक नेशनल टास्क फोर्स (एन मित्र) का गठन किया गया। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और रॉबर्ट रॉबर्टसन मिश्रा की पीठ ने अपना ऑर्डर सुनाते हुए कहा कि यह टास्क फोर्स मेडिकल से संबंधित पेशेवरों की सुरक्षा, भलाई और अन्य संबंधित मामलों की कंपनी है।
शीर्ष न्यायालय की निगरानी वाला यह कार्य बल स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रीय दस्तावेज़ तैयार करना चाहता है। यह कार्य बल देश के जाने-माने पुराने सामानों के अलावा सरकार के कई प्रमुख वरिष्ठ अधिकारी पदेन सदस्य होंगे।
एन फ़्रिथ के सहयोगी दल में वाइस एडमिरल आर सरीन, डॉ. डी नागेश्वर रेड्डी, डॉ. एम श्रीनिवास, डॉ. प्रतिमा मूर्ति, डॉ. गोवर्धन दत्त पुरी, डॉक्टर सौमित्र रावत, प्रोफेसर एनालिटेंस सक्सेना, प्रमुख कार्डियोलॉजी, एम्स दिल्ली, प्रोफेसर पल्लवी सप्रे, डीन ग्रांट मेडिकल कॉलेज मुंबई, डॉक्टर पद्मासाविर, न्यूरोलॉजी विभाग, एम्स, नेशनलहोगे शामिल हैं। भारत सरकार के सचिव सचिव, भारत सरकार के गृह सचिव, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के अध्यक्ष, राष्ट्रीय परीक्षक बोर्ड के अध्यक्ष इसके पदेन सदस्य होंगे।
शीर्ष अदालत ने कोलकाता में हुई इस वैज्ञानिक घटना के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अलावा पश्चिम बंगाल सरकार से अलग-अलग जांच प्रगति विवरण 22 अगस्त तक पेश करने के निर्देश दिए। पीठ ने मामले की जांच जारी रखते हुए 22 अगस्त 2024 को पूछताछ की प्रगति विवरण अदालत में पेश करने का निर्देश दिया था।