हमारे उम्मीदवार विरोध नहीं करते; उमर अब्दुल्ला की अपील, जम्मू-कश्मीर में किस करवट से वैकल्पिक खेल
जम्मू-कश्मीर में जैसे-जैसे चुनाव की तारीख आ रही है वैसे-वैसे विशेष खेल भी दिलचस्प होते जा रहे हैं। नेशनल (नेकां) और कांग्रेस पहले से ही एक पाले में हैं अब ऐसा लग रहा है कि बाहुबली की डेमोक्रेटिक पार्टी (पीआईपी) भी एक ही सुर में मिल सकती है। इसी बीच नेकां के उपाध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी पीआईपी को अपने पाले में करने के लिए दांव खेला है। उमर अब्दुल्ला ने पीआईपी और नेकन के सीक्रेट्स को एक बताया और पीआईपी से नेकन के खिलाफ अपनी उम्मीदवारी की अपील नहीं की है।
रविवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पीडीपी के घोषणा पत्र में उन्होंने यह बात कही है, जिसे नेकन ने जनता के सामने रखा है। उन्होंने यह भी कहा कि पीआईपी को नेकन और कांग्रेस गठबंधन के खिलाफ अपना उम्मीदवार नहीं चुनना चाहिए, ताकि जम्मू-कश्मीर की बेहतरी के लिए एक प्रभावी गठबंधन बनाया जा सके। अब्दुल्ला की यह टिप्पणी ओबामा फ्रीी द्वारा कांग्रेस-नेकान गठबंधन को पूर्ण समर्थन की शपथ एक दिन बाद आई है। हुबा ने कहा था कि अगर एलायंस पीआईपी के शेयरहोल्डर को स्वीकार किया जाता है, तो उनकी पार्टी के सभी लोग पार्टी छोड़ देंगे।
मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में नेकन लोकेशंस को निशाना बनाते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पीडीपी ने उनकी पार्टी के घोषणापत्र में कई घोषणापत्र को अपने घोषणापत्र में शामिल किया है। उन्होंने कहा, “मैंने घोषणापत्र में सभी महत्वपूर्ण स्मारकों को शामिल किया है और पीआईपी ने भी लगभग वही बातें बताई हैं। उन्हें घोषणापत्र में कुछ अंतर रखना चाहिए।”
अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी ने सत्या में एक बार 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा किया है और ”उसे (पीडीपी ने) भी कहा है कि वे 200 यूनिट बिजली देंगे।” उन्होंने कहा, ”मैंने कहा था कि हम पहले थे।” साल में एक लाख सरकारी हिस्सेदारी मिलेगी, उन्होंने इसे भी अपने घोषणापत्र में रखा है। हमने (नियंत्रण रेखा के पार) स्ट्रॉबेरी को फिर से ऑर्केस्ट्रा के बारे में बात की, यह उनकी घोषणापत्र में भी है। हमने (प्रवीण से) बातचीत के दरवाजे खुले रखने की बात की और उन्होंने भी ऐसा कहा। हमारे पत्र में घोषणा की गई है कि जो कुछ भी है, हमारे सहयोगियों ने भी लगभग वैसा ही रखा है।”
पीआईपी के विश्वास पर अब्दुल्ला ने कहा कि नेकन और पीआईपी के सपने में ज्यादा अंतर नहीं है। अब्दुल्ला ने कहा, ”उसे (पीडीपी) ने कहा कि अगर नेकन-कांग्रेस गठबंधन उनके विश्वास को स्वीकार करता है, तो वह उम्मीदवार नहीं बनेंगे। आपने हमारे सभी शेयरों को अपने पत्र में शामिल करने की घोषणा की है। आपने पहले ही हमारे कंकाल को स्वीकार कर लिया है और अब आपके और हमारे कंकाल में मुख्य अंतर नहीं है। तो प्रतियोगी मत निकलिए और आइये, हम जम्मू कश्मीर के बेहतर भविष्य का निर्माण करते हैं।”
इस बीच उमर अब्दुल्ला के इस बयान से नेकन और पीडीपी के बीच बढ़ते राजनीतिक समीकरण पर संकेत दे दिया है। जम्मू-कश्मीर की राजनीति में यह ताज़ातरीन गठबंधन एकजुटता और गठबंधन की दिशा को प्रभावित कर सकता है। अब देखिएगा कि उमर अब्दुल्ला के सुर से सुर कैसे मिलते हैं या नहीं।