‘महिला सुरक्षा पर आप खुद हो गए फेल’, ममता बनर्जी इंटरनैशनल सेंटर ने क्या दिया जवाब
केंद्र की जांच सरकार ने महिला सुरक्षा को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सवाल उठाए हैं। बंगाल सरकार पर महिला सुरक्षा उपायों को लागू करने में असफल रहने का आरोप लगाया गया है। महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि राज्य ने शेष 11 विशेष अदालतें शुरू करने के लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है। राज्य में बलात्कार और यौन उत्पीड़न से लेकर बच्चों के संरक्षण कानून (पॉक्सो) के 48,600 मामले हैं। दरअसल, ममता बनर्जी ने कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने बलात्कारियों को सज़ा देने की मांग की थी। इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री ने बंगाल पर तैनात कर्मचारियों, आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली और आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली को लागू करने में विफल रहने का आरोप लगाया।
अन्नपूर्णा देवी ने हिंसा के खिलाफ तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए इन सेवाओं को आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से कई बार मेमोरियल जाने के बावजूद राज्य ने अभी तक इन्हें ठीक नहीं किया है। उन्होंने तर्क दिया कि यह पश्चिम बंगाल में महिलाओं और बच्चों के लिए संकट के समय आवश्यक सहयोग है। उन्होंने यौन उत्पीड़न से जुड़े मामलों के बैकलॉग के बावजूद विशेष त्वरित अदालत में संचालित राज्य की अक्षमता का उल्लेख किया है, जिसमें केंद्र स्तरीय योजना के तहत प्रवेश किया गया है।
क्लासिक वैधानिक और बौद्ध मठ को लागू करने पर जोर
महिला एवं बाल विकास मंत्री की ओर से 25 अगस्त को पत्र लिखा गया। पश्चिम बंगाल में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ग्रेजुएटी लिरल और क्लासी क्लास को लागू करने पर जोर दिया गया है। अक्टूबर 2019 में विशेष त्वरित अदालतों से जुड़ी योजना, बलात्कार, पॉक्सो से संबंधित साहित्य मामलों की सुनवाई और गिरफ्तारी में तेजी लाने की तैयारी शुरू हो गई थी। इस योजना के तहत, केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल में 123 अदालतों की स्थापना के लिए कहा था, जिसमें 20 विशेष पॉक्सो अदालतें और बलात्कार और पॉक्सो दोनों मामलों के लिए 103 संयुक्त अदालतें शामिल हैं।
30 जून, 2024 तक केवल 6 स्पेशल पॉक्सो कोर्ट
मंत्री का कहना है कि जून, 2023 के मध्य तक कोई भी अदालत चालू नहीं हुई थी। देवी ने बताया कि जून, 2023 में राज्य सरकार की ओर से 30 जून, 2024 तक केवल 6 स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ही चल रही थीं। उन्होंने कहा कि राज्य में बलात्कार और पॉक्सो के 48,600 मामले होने के बावजूद रिहाई में देरी हो रही है। मंत्री ने शेष 11 विशेष त्वरित अदालतों को सक्रिय करने के लिए राज्य सरकार की चेतावनी पर गंभीर चिंता व्यक्त की। मंत्री ने पश्चिम बंगाल सरकार से महिलाओं और लड़कियों से सभी प्रकार के भेदभाव, हिंसा को खत्म करने के लिए प्रभावी कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने सुरक्षित और संरक्षित पर्यावरण निर्माण की योजना बनाई जो लैंगिक समानता को बढ़ावा देती है और महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए बढ़ावा देती है।