महाराष्ट्र

यूपीएससी के पास मुझे भेदभाव का अधिकार नहीं, उच्च न्यायालय में पूजा खेदकर का नया पन्ना

पूर्व ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेदकर ने दिल्ली उच्च न्यायालय में अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के पास उनके खिलाफ कार्रवाई करने और भेदभाव करने का अधिकार नहीं है। खेडकर पर धोखाधड़ी और गलत तरीके से सोलोमन एवेंजल्टता का लाभ प्राप्त करने के आरोप हैं। खेदकर ने यूपीएससी में अपने खिलाफ दिए गए फैसले पर दिल्ली हाई कोर्ट में अपना जवाब दिया, ये बातें कही हैं।

अपने आधे नाम में पूजा खेडकर ने कहा है कि एक बार आईएएस अधिकारी के पद पर हस्ताक्षर हो जाने और परिवीक्षा पर चले जाने के बाद संघ लोक सेवा आयोग के पास उनके अभ्यर्थियों को वर्गीकरण का अधिकार समाप्त हो जाता है। उन्होंने हाफनामे में कहा, “सिर्फ डीओपीटीआई (कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग) अखिल भारतीय सेवा अधिनियम, 1954 और सीएसई 2022 के नियम 19 के अनुसार प्रोबेशनर पदों के तहत कार्रवाई की जा सकती है।”

यूपीएससी ने पिछले महीने 31 जुलाई को खेडकर की अनंतिम अभ्यर्थी को रद्द कर दिया था और भविष्य की किसी भी परीक्षा या चयन में उसके होने पर रोक लगा दी गई थी। आयोग ने खेदकर के खिलाफ यह निर्णय तब लिया, जब एक आंतरिक जांच समिति ने यह पाया कि खेदकर ने सिविल असंगठित समुदाय (सीएसई) 2022 के पेशेवरों का उल्लंघन किया है। खेदकर पर अपनी पहचान को भी गलत तरीके से पेश करने का आरोप है। हालाँकि पूजा ने इन धोखाधड़ी का खंडन किया है और कहा है कि वह कोई धोखाधड़ी या जालसाज़ी नहीं है।

पूजा खेदकर ने जनता से भी कहा धोखा, कोर्ट से बोला यूपीएससी; ज़मानत का विरोध

यूपी एसएससी ने पूजा खेदकर के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का आपराधिक मामला दर्ज किया है। इसके बाद खेदकर ने यूपी एससी द्वारा अपने प्रोविजनल उम्मीदवारी को रद्द करने के फैसले को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख अपनाया था। ऑडिटोरियम, पूजा खेदकर को दिल्ली हाई कोर्ट से अंतरिम सुरक्षा मिली है। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने 29 अगस्त तक खेडकर को बिल्डर से अंतरिम सुरक्षा बढ़ा दी है।

पुलिस ने इस आधार पर खेडकर की जमानत याचिका को खारिज करने की भी मांग की है कि उसे कोई भी राहत न मिले। की शुचिता पर भी व्यापक प्रभाव। यू पी एस सी के कहने पर अन्य लोगों की मदद के बिना यह (धोखाधारी) नहीं जा सकता क्योंकि पूर्व अधिकारी की अग्रिम जमानत की मान्यता रद्द होनी चाहिए।

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