मध्यप्रदेश

वायरल वीडियो में वायरल हुआ तहलका, ऑफिस में पापा की शिकायत लेकर आया था बच्चा, अब चोरी पुलिस वाले

इंदौर: मध्य प्रदेश के धार जिले का एक वीडियो इन दिनों वायरल हो रहा है। यहां 5 साल के बच्चे की पुलिस चौकी में शिकायत दर्ज की गई है। वर्तमान पुलिस अधिकारी ने जब बच्चे से शिकायत की तब मासूम ने अपने ही पिता की शिकायत का जिक्र किया। ये वीडियो वायरल होने के बाद बवाल बढ़ गया। अब इस वीडियो में इंदौर के वकीलों ने केस कर दिया है, क्योंकि यह मामला बाल अपराध के अंतर्गत आता है।

दरअसल, धार पुलिस चौकी में शिकायत दर्ज कराते हुए दक्षिणी बच्चे का वीडियो बनाया गया है। उसे सोशल मीडिया पर वायरल किया गया. जो भले ही लोग मजे लेकर देख रहे हैं, लेकिन किशोर न्याय (बालकों की निगरानी एवं संरक्षण अधिनियम) में कानून के उल्लंघन की बात कही गई है। उच्च न्यायालय के वकील कृष्ण कुमार कुन्हारे के अनुसार, विदुर नगर के निवासी संजय ने मामले में याचिका दायर की है, जो कानून के क्षेत्र से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता हैं।

के अनुसार, कुछ दिन पहले सोशल मीडिया से पता चला कि धार जिले के मनावर पुलिस थाने में एक पीड़ित बच्चा अपने पिता की शिकायत लेकर आया था, जिस पर अवैस्क बच्चे को लेकर पुलिस थाने में ही बच्चे का नाम रखा गया था। पूरी घटना का वीडियो उद्धृत वीडियो को लूटने की नियत से सोशल मीडिया पर वायरल किया गया।

ये वीडियो अनोखा है
वीडियो में बालक के चेहरे-मोहरे के साथ ही उसका नाम-पते सहित पहचान उजागर हुई, जो गंभीर विषय धारा 74 किशोर न्याय बालकों के संरक्षण अधिनियम में बालकों की पहचान के प्रतिषेध का भी उल्लंघन है एवं मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बालकों के हित एवं कानून की जन जागरूकता को लेकर जा रहे प्रयास के भी विपरीत है। वीडियो में बच्चों से पुलिस स्टेशन के बाहर जूते-चप्पल, जो तराशा हुआ है। उथल-पुथल क्रम से न सिर्फ बच्चे की पहचान सामने आई, बल्कि बच्चे के परिवार में पिता के साथ जा रहे अभिनय से भी बच्चे की पहचान हुई तो उसकी कक्षा और स्कूल में भी उसकी ऊंची पहचान सामने आई। खैर, इसलिए इस वीडियो को सारगर्भित से निकालने की बात कही।

सीडब्ल्यूआई जांच विज़िट
महिला बाल विकास की सलाह वाचना सिंह के अनुसार, किसी भी नाबालिग या महिला के मामले में मीडिया में, छात्र और खुद उसके परिवार को उसकी पहचान नहीं बताई जा सकती। यह कानून का उल्लंघन और पूर्णतया गलत है। इस तरह के मामले में सीडब्ल्यूसी में नामांकन लिया जा सकता है। जहां, कोर्ट या जिस जगह से यह वीडियो बनाया गया है, वहां के पुराने स्मारकों को इसमें ले जाया जा सकता है।

सीएम से शिकायत
वहीं, उच्च न्यायालय के वकील डॉ. रूपाली ठाकुर ने कहा कि डोरा ने न्याय मित्र समिति के माध्यम से मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश शासन और महिला एवं बाल विकास अधिकारी, सखी केंद्र वन स्टॉप सेंटर को निर्देश दिए हैं, उक्त वीडियो को सोशल मीडिया से हटाएं, वीडियो बनाएं और वायरल करें यूजर्स के विरोध में सख्त कार्रवाई करने के लिए शंकालु प्रजापति ने आरोप लगाया है।

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