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बिहार समाचार: सीएम नीतीश कुमार जेडीयू पार्टी के महासचिव केसी त्यागी ने प्रवक्ता पद से इस्तीफा दिया

केसी सावंत और नीतीश कुमार
-फोटो: सोशल मीडिया

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल युनाइटेड के राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से राष्ट्रीय वैशाली किशन चंद त्यागी (केसी लॉरेंस) ने पद छोड़ दिया है। उन्होंने ‘अमर उजाला’ से बातचीत में इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि 1984 से इस तरह की भूमिका में रहे हैं। वह कर्पूरी ठाकुर, बीजू पटनायक आदि का जमाना था। टैब इस भूमिका को निभा रहा हूं। अब हर समय बात करने की उम्र नहीं रही, इसलिए राष्ट्रीय प्रवक्ता की जिम्मेदारी छोड़ दी गई है।

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मैं इस पद के साथ न्याय नहीं कर पा रहा हूं

वहीं केसी गीतकार ने पत्र के माध्यम से सीएम नीतीश कुमार को लिखा कि मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि मैं (पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के) पद से मुक्त हो जाऊं क्योंकि मैं इस पद के साथ न्याय नहीं कर रहा हूं। अन्य कार्यों में मेरी भागीदारी रहेगी। इधर, जनता दल यूनाईटेड के जनरल आफाक अहमद खान ने पत्र जारी कर यह जानकारी दी। कहा गया है कि केसी सचिवालय ने प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पद छोड़ने का कारण निजी बताया है। उनकी जगह राजीव रंजन प्रसाद को फोटोग्राफर का राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया है।

सीएम नीतीश कुमार का खिलाड़ी हूं

इधर, राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि किसी ने निजी और वैयक्तिक संपत्तियां छोड़ दी हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और पार्टी के साथ हैं। जहां तक ​​हमारी कंपनी का सवाल है तो पार्टी ने पूर्व में भी जो जिम्मेदारी दी है उसमें ईमानदारी के साथ मैंने काम किया है। मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रतिनिधि हूं। निःसंदेह जो पार्टी की उम्मीदें हैं वो उस प्रोजेक्ट पर मैं उतरने की कोशिश करूंगा।

22 मई 2023 मुख्य प्रवक्ता बनाया गया था

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ लंबे समय तक काम करने के बाद 22 मई 2023 को एक बार फिर सीता के साथ पद पर वापसी हुई थी। इस बार उन्हें विशेष सलाहकार बनाया गया, लेकिन मुख्य धारा में बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता की जिम्मेदारी भी सौंप दी गई। राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता के पद उन्हें मार्च महीने में हटा दिए गए थे, तब उन्होंने कहा था कि वह पार्टी के किसी भी जिम्मेदारी वाले पद पर खुद काम नहीं करना चाहते हैं।

पहली बार 1989 में यह सीट न्यूनतम बनी

1989 में सिद्धार्थ-गाजियाबाद सीट से पहली बार जनता दल के हितैषी किशन चंद साकर ने जनता को जिताकर संसद भेजा। राजनीति में सक्रिय होने और स्थानीय होने का उन्हें पूरा लाभ मिला। हालाँकि उनका कार्यकाल दो साल का है। इस दौरान वह जनता के बीच ही उपलब्ध रहे। 73 साल की उम्र में पहली बार चौधरी चरण सिंह की पार्टी लोकदल से 1984 में गाजियाबाद-हापुड़ में लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और कांग्रेस के लोकदल से चुनाव हार गए। वह दूसरे स्थान पर रह रही है। उन्हें 22.5 प्रतिशत वोट मील।

1989 में जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव बने

दूसरी बार 1989 में जनता दल के राष्ट्रीय दल बने और ग़ाज़ियाबाद से चुनाव लड़े। उन्होंने कांग्रेस के कद्दावर नेता और अल्पसंख्यक बीपी मौर्य को हरा दिया। 1991 में वह इसी तरह तीसरी बार जनता दल के टिकट से चुनाव लड़े और बीजेपी के राकेश चंद तोमर हार गए। वह करीब 24 हजार सीटों से हार गए। इसके बाद 1996 में वह समाजवादी पार्टी के टिकट पर गाजियाबाद सीट से चौथी बार चुनाव लड़े लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में वह दूसरे स्थान पर हैं। 2004 में विधानसभा सीट से जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर चुनावी लड़ाई हुई लेकिन हार का सामना करना पड़ा। 2012 में बिहार से यूरोपियन कम्युनिस्ट पार्टी। गोदाम के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। बिहार राज्य का प्रतिनिधित्व करते हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खास लोग हैं। वह जिले के मोरटा गांव में रहने वाले हैं।

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