महायुति का सीटिंग शेयरिंग फॉर्मूला तैयार? शिंदे-फड़णवीस-पवार के मठ में क्या निकला, महाराष्ट्र विस चुनाव के लिए हुई बैठक
विधानसभा चुनाव करीब आते ही महाराष्ट्र में मोटरसाइकिलें तेज हो चली हैं। पारंपरिक महायुति गठबंधन के बड़े नेता भी पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम पद के सदस्य और अजिताभ सहित कई शीर्ष नेताओं ने नागपुर में बैठक की। इस अनमोल फिल्म में आगामी विधानसभा चुनाव के दृष्टि सीट शेयरिंग पर चर्चा की गई। यह बैठक शनिवार शाम करीब साढ़े आठ बजे नागपुर स्थित रामगिरि स्थित मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर शुरू हुई। इसके बाद देर रात 1.30 बजे तक चलती रही। मामले की जानकारी रखने वालों के अनुसार इस दौरान गहन मठ के बाद तीर्थयात्री आश्रम में शेयरिंग केमिकल फॉर्मूलेशन तैयार किया गया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले ने रविवार को कहा कि अगले दस दिनों तक बातचीत पर बैठें। उन्होंने बताया कि हमने तय किया कि हिस्सेदारी की एकता का आधार एकजुटता की भावना है। वहीं, एक बेहतर सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि भारतीय जनता पार्टी की 288 सीटों में से 160 सीटों पर चुनावी विधानसभा हो सकती है। वहीं, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले विधायकों की संख्या 60 से 70 तक पहुंच सकती है। इसके अलावा राजकुमारियों से 50 साल पहले मुलाकात के चांस हैं। हालाँकि अजित का दावा 60 के लिए है।
इसके अलावा कुछ छोटे बाबाओं के अलावा बच्चू काडू की हिट जनशक्ति पार्टी भी शामिल हो सकती है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक महायुति गठबंधन के सहयोगियों के बीच दो-तीन दौर की बात के बाद सीटिंग फॉर्मूले पर अंतिम शेयरिंग लग सकती है। ऐसा कहा जाता है कि शनिवार को नागपुर में एक रैली के दौरान अजित ने 60वीं सीट पर चुनाव लड़ा था। अपने भाषण के दौरान उन्होंने कहा कि हमने 2019 विधानसभा चुनाव में 54वीं विधानसभा पर जीत हासिल की थी। इस बार हमें 60 मंजिल मिलना चाहिए।
हालांकि मुख्यमंत्री शिंदे और दोनों डिप्टी सीएम इस बात पर सहमत हैं कि वह पद के लिए बहुत ज्यादा सौदेबाजी नहीं करेंगे। इसके अलावा वह एकजुट होकर अगले चुनाव नतीजों पर ध्यान लगाएंगे। दस्तावेज़ के अनुसार तृतीयक नेता यह तुच्छ हैं कि यदि उनकी एकता में बात आई तो नामांकन को लाभ मिलेगा। वह गठबंधन को कोई हथियार नहीं देना चाहते हैं और साथ मिलकर सरकार बनाना चाहते हैं। अपनी एकजुटता के लिए भाजपा विचारधारा को निर्देश भी जारी किये गये हैं। इसमें कहा गया है कि इस तरह कोई भी टिप्पणी न करें, जिससे गठबंधन के सहयोगियों को नुकसान हुआ। प्रदेश अध्यक्ष बावनकुले ने कहा कि इस आदेश का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी।