रेपि कलाकार को नपुंसक बना दो…जेडीयू नेता केसी त्यागी की राय- ये लोग पुरुष ही नहीं हैं, ऐसी सजा होनी चाहिए- आरजी कर मेडिकल कॉलेज ट्रेनी डॉक्टर से रेप, जेडीयू नेता केसी त्यागी का कहना, रेपिस्टों की ताकत खत्म
नई दिल्ली. देश की राजधानी फिलाडेल्फिया में निर्भया कांड के बाद तत्कालीन सरकार ने महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा को लेकर सख़्त कानून को पास किया था। अब पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ दरिंदों ने बर्बरता की सारी हदें पार कर निर्धारण किया है। इसके बाद रेजिडेंट के साथ ही सेंटर के असिस्टेंट पर भी रेप के मामले में हार्डटम लॉ बनाने की मांग बहाल हो गई। इन सबके बीच जदयू के उपमुख्यमंत्री केसी त्यागी ने भी बड़े और कट्टरपंथियों को सलाह दी है। केसी त्यागी ने रेपि मरातों को नेपंसक बनाने की सलाह दी है। साथ ही पश्चिम बंगाल में मठाधीश आरजी कर मामले में ममता बनर्जी के आदर्श को दुर्बलतापूर्ण अधिकार दिया गया है।
कोलकाता में एक डॉक्टर के खिलाफ दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद देश में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के खिलाफ महिलाओं के यौन उत्पीड़न के बीच जनता दल (यूनाइटेड) के नेता केसी स्टार ने बलात्कारियों को सजा देने की सलाह दी है। . साथ ही कहा कि रेप के मामलों में एक महीने के अंदर नित्य मिलनी चाहिए। केसी तित्यागी ने कहा, ‘ये लोग पुरुषों को ही नहीं, ऐसी सजा मिलनी चाहिए।’ ‘दुष्कर्मों का पौरुष ख़त्म कर देना चाहिए।’ पश्चिम बंगाल में इस जघन्य कांड और उसके बाद उभरे निबंध के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि एक समाजवादी के रूप में उनका मानना है कि महिलाओं की इच्छा के खिलाफ काम करने से कोई बड़ा विद्रोह नहीं हो सकता।
‘अंतिम सांस तक ककथन सहना पड़े’
केसी स्टार्स ने आगे कहा कि रेप के शीशे को ऐसी कठोर सजा मिलनी चाहिए कि वह अंतिम सांस तक का संवाद सहता रहे। इससे यह भी सुनिश्चित हो जाएगा कि कोई भी ऐसा अपराध करने की हिम्मत नहीं करेगा। यह पूछे जाने पर कि उन्होंने अपनी मांग पर किस तरह की विवादास्पद टिप्पणी की है, जदयू नेता ने कहा कि यह मांग महिलाओं के पक्ष में है. उन्होंने कहा कि बलात्कार के अपराध में न्याय के लिए कई साल नहीं, बल्कि एक महीने में ही फैसला आना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि जांच और समीक्षा में केवल महिला डायमी, डॉक्टर और जज को ही शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि घटना के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का साथ छूट गया। हालांकि उन्होंने मंगलवार को राज्य विधानसभा द्वारा एंटी रेप बिल का समर्थन किया।
पश्चिम बंगाल का नया ब्रांड
पश्चिम बंगाल में एंटी रेपो बिल लाया गया है. प्रस्तावित कानून में बलात्कार के बाद हत्या के मामलों में दोषसिद्धि के लिए मौत की सजा और यौन उत्पीड़न की घटनाओं में बिना पैरोल के जेल की सजा का प्रावधान है। कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त को एक ट्रेन डॉ. ट्रेक्टर के साथ कथित बलात्कार और सरकार की घटना के बाद जारी व्यापक प्रदर्शन के दृश्य, यह मेमोरियल पेशी और पास करने के लिए विधानसभा का दो दिव्य विशेष सत्र बुलाया गया था। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने भी अपना समर्थन दिया. हालांकि, पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जघन्य अपराध पर जनता के विरोध और विरोध से ध्यान भटकाने के लिए यह नौकरी पेश की है.
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पहले प्रकाशित : 4 सितंबर, 2024, 20:13 IST