क्राइम

अब कहां से खरीदें ‘खजाना’…सीबीआई की टीम ने लगाया ठिकाना

नई द फाइलली. एक बार फिर से एक सरकारी बाबू के घर से करोड़ों रुपये का अंबार भरा हुआ है। हलांकि यह अंबार पचेले ने धोखेबाज की गलती में भले ही कम हो पर एक सामान आदमी की नजर से यह उसकी ज किताब में बहुत सारा दावा लिखा है। सेंट्रल इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (आईपीसीसी) के पुराने पर्यावरण इंजिनियर और एक बिचौलिए (निजी व्यक्ति) के बेटे दो चार लोगों को 91500 रुपये की रकम दी है।

इस अरे के बाद जब श्रीकांत की टीम ने उस सीनयर एनवायर्नमेंट इंजीनिययर के घर तक पहुंच बनाई तो वहां पर 2 करोड़ 39 लाख रुपए कैश मिले। 08 सितंबर को एसपीसी में काम करने वाले सीन केयर एनवायरनमेंट में 4 निजी लोग (एक बिचौलिया, बिचौलिए के बेटे, दिल्ली स्थित निजी कंपनी के मालिक और एक अन्य दिल्ली स्थित फर्म का निजी व्यक्ति) और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। था. फैक्ट्री में आरोप लगाया गया है कि मल्टीमीडिया यूनिवर्सल एनवायर्नमेंटल इन जीन्स फैक्ट्री में फैक्ट्री बनी हुई है।

आरोप है कि निजी कंपनियों से संबंधित मामलों में निजी कंपनियों से ये जीन फैक्ट्री बिचौलिया के लिए जारी की गई थी और रिकवरी रिकवरी थी। बताया जा रहा है कि उन प्राइवेट कूलियों को आईपीसीसी से कोई मंजूरी नहीं मिली है, जो कि रिसर्च में शामिल हैं। जानकारी के अनुसार, जानकारी के लिए बता दें कि कृष्णा ने 91500 रुपये की राशि वाले नाबालिग और नाबालिग सीनियर एनवायरनमेंट इंजीनियर (आईपीसीसी) और बिचौलिए के बेटे (निजी व्यक्ति) को 91500 रुपये की राशि में शामिल कर रंगे हाथ पकड़ लिया।

इसके बाद जब सामुहिक दल ने इंजिनियर के घर और सरकारी खजाने पर हमला किया तो वहां समुद्र तट पर 2 करोड़ 39 लाख रुपये नकद और कई दस्तावेज बरामद हुए। इस मामले में दस्तावेज़ की जांच जारी है।

बदमाश ने 6 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें से दो को गिरफ्तार किया गया है।

1. मोहम्मद आरिफ, वरिष्ठ पर्यावरण अभियंता, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (आईपीसीसी), जसोला विहार, दिल्ली-110025
2. भागवत शरण सिंह (मीडियाएटर)
3. किशलय शरण सिंह (मिडियाटर का बेटा)
4. राज कुमार चुघ, मालिक, एम/एस रैम्स इलेक्ट्रोप्लेटर्स, नई दिल्ली
5. गोपाल नाथ कपूरिया, एम/एसवी एएमएम, नरेला इंडस्ट्रियल एरिया, नई दिल्ली
6. अन्य अज्ञात सरकारी कर्मचारी और निजी व्यक्ति

इन चारों पर आरोप है कि वे निजी फर्मों के रिप्रजेंटेटिव से रिश्वत लेकर उन्हें अवैध तरीके से लाभ पहुंचाते हैं। सूदखोर ने एक जाल में फंसाया और बुजुर्ग पर्यावरण इंजीनियर और मेडिएटर के बेटे से 91500 रुपये की रकम हड़प ली।

टैग: रिश्वत समाचार, सीबीआई छापा

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