रांची में जावा के साथ पीएम मोदी का स्वागत; कहा- इस शुभ दिन पर झारखंड को विकास का नया आशीर्वाद मिला – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव – पीएम मोदी:रांची में पीएम मोदी का ‘जावा’ के साथ स्वागत; बोले
प्रधानमंत्री मोदी
– फोटो : अमर उजाला
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को झारखंड के रांची से 660 करोड़ रुपये के विभिन्न मंडल (डिजिटल या ऑफलाइन) माध्यम से शुरुआत की। देवघर जिले में मधुपुर बाइपास लाइन और वैराइटी टाउन मोदी कोचिंग डिपो की स्टॉकिस्ट रैक ने की। प्रधानमंत्री मोदी ने कुरकुरा-कनारोन द्वीपसमूह परियोजना को भी राष्ट्र को समर्पित किया। यह बंडामुंडा-रांची सिंगल लाइन खंड और रांची, मुरी एवं चंद्रपुरा स्टेशन के माध्यम से भाग वाले राउरकेला-गोमोह मार्ग का हिस्सा है। इस दौरान मोदी ने लोगों से बातचीत भी की। उन्होंने अपने कान पर एक ‘जावा’ रखा था। इससे जुड़ा दिलचस्प किस्सा खुद उन्होंने लोगों को बताया।
#घड़ी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “आज सुबह जब मैं रांची हवाई अड्डे पर पहुंचा तो एक बहन ने करमा पर्व के अवसर पर मुझे ‘जहवा’ देकर स्वागत किया। इस पर्व पर बहनें अपने भाइयों की खुशहाली की प्रार्थना करती हैं। मैं झारखंड के लोगों को करमा पर्व की बधाई देता हूं।… pic.twitter.com/TMaQhdeFRE
— एएनआई (@ANI) 15 सितंबर, 2024
उन्होंने कहा कि आज बहुत ही मंगल दिन है। इस समय प्रकृति पूजा का पर्व कर्म की मांग है। आज सुबह जब मैं रांची एयरपोर्ट पर पहुंचा तो एक बहन ने ‘कर्म’ के प्रतीक ‘जावा’ से मेरा स्वागत किया। इस पर्व में बहनें अपने भाई के रिश्तेदारों की कामना करती हैं। मैं झारखंड के लोगों को ‘कर्म’ पर्व की बधाई देता हूं। आज इस शुभ दिन झारखंड को विकास का नया आशीर्वाद मिला है। छह नई वंदे भारत की ट्रेनें, 650 करोड़ से अधिक की रेलवे राजधानी, स्मारक, यात्रा सुविधाओं में सुधार और सबके साथ-साथ झारखंड के हजारों लोगों को आवास योजना के तहत अपना पक्का घर, मैं झारखंड की जनता जनार्दन को इन सबका विकास नौकरी के लिए बधाई देता हूं।
‘देश की स्वदेशी भूमि का दलित, पितृसत्तात्मक और जनजाति समाज’
पीएम मोदी ने कहा कि अब देश का मूल देश गरीब है। अब देश का मूल देश का जनजातीय है। अब देश की मातृभूमि का दलित, स्विट्जरलैंड और फ़्लोरिडा समाज है। अब देश की जन्मभूमि महिलाएं हैं, युवा हैं, किसान हैं।
‘क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाओं को जगह’
उन्होंने कहा कि पूर्वी भारत में रेल परियोजनाओं के विस्तार से इस पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को जोड़ा जाएगा। इन पाठ्यपुस्तकों से विद्यार्थियों को बहुत लाभ होगा। इससे यहां आर्थिक और सांस्कृतिक संयंत्र भी तेजी से जुड़ेंगे।
‘पीएम जनमन योजना चल रही है’
उन्होंने कहा कि डिजिटल के जनमन भाई-बहनों के लिए जनमन योजना जारी हो रही है। इस योजना के माध्यम से उन लोगों तक पहुंचने की कोशिश हो रही है, जो बहुत पीछे हैं।
‘रेलवे नेटवर्क का 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक इंजीनियर’
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज झारखंड भी संयुक्त राज्य अमेरिका में शामिल हो गया है, जहां रेलवे नेटवर्क का 100 प्रतिशत विद्युत संयोजन हो गया है। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत झारखंड के 50 से अधिक रेलवे स्टेशनों का भी वादा किया जा रहा है।
‘कर्म’ पूजा और ‘जावा’ के बारे में जानिए
‘कर्म’ पूजा झारखंड का एक अहम त्योहार है। सरहुल के बाद ‘कर्मा’ झारखंड का दूसरा सबसे बड़ा प्रकृति पर्व है। कर्मा पूजा भाद्र मास की एकादशी तिथि को धूमधाम से मनाई जाती है। हालाँकि, इसकी धूम पांच से सात दिन तक रहती है। यह पर्व प्रकृति की पूजा है, लेकिन इसे भाई-बहन के प्यार के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बहनें जावा उठाती हैं और हर ओर ‘कर्मा’ के गाने गूंजती हैं। असल में, कर्मा पूजा के ठीक सात दिन पहले महिलाएं सुबह-सुबह नदी या तालाब जाती हैं। वे अपने साथ बांस की टोकरी में पूजा का सामान लेकर जाते हैं। या नदी तालाब में स्नान करने के बाद युवतियाँ उसी तालाब में तालाब उठाती हैं। फिर इसी तरह की मिट्टी में वे गेहूं, मक्का, जौ, चना, धान आदि की भट्टियां होती हैं। इस दौरान वे पूजा भी करते हैं। इसे ही जावा कहते हैं।