औषधीय औषधालय की खेती से बंपर कमाई, पिपरा के किसान बंटी सिंह की सफल सफलता
विशाल कुमार/चापरा: पिपरा के किसानों की खेती के साथ-साथ विभिन्न तश्तरियां, फल और औषधीय की खेती करके अच्छा रिव्यु कमा रहे हैं। इसी कड़ी में बनियापुर के कराह गांव के युवा किसान बंटी सिंह ने औषधीय औषधालय की खेती में सफलता प्राप्त की है। बंटी सिंह ने कृषि उत्पाद से लेकर एक से अधिक औषधीय औषधों का उत्पादन किया, स्टॉक काफी तेजी से हो रहा है। इन एंटीऑक्सीडेंट का उपयोग वे अपने घर में बीमार बताकर लोगों का इलाज भी कर रहे हैं।
मेन्थॉल से लेकर लेमनग्रास तक का सफल प्रयोग
बंटी सिंह के फॉर्म में मेन्थॉल, लेमनग्रास, एलोवेरा, आइटम शामिल हैं, इलायची जैसे औषधीय औषधियों का प्रयोग किया जाता है, रेन डेटॉल, भिक्स और साबुन जैसे उत्पाद तैयार होते हैं। उन्होंने बताया कि इन औषधीय औषधालयों की खेती सारणी की धरती पर बहुत अच्छी हो रही है, और इसकी उपज भी बेहतर है।
औषधीय खेती से किसानों की आय हो सकती है
स्थानीय 18 से बातचीत में बंटी सिंह ने बताया कि औषधीय औषधालय की खेती की अन्य सब्जियों की तुलना में अधिक तुलना है। कृषि से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उन्होंने इनवेस्टमेंट को परीक्षण के रूप में चुना, जो सफल रहा। अब वे बड़े पैमाने पर औषधीय उपचार की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा, “औषधीय सब्जी की खेती से किसानी की तुलना में अधिक कमाई की जा सकती है।”
किसानों को सलाह देने का लक्ष्य
बंटी सिंह का लक्ष्य है अधिक से अधिक किसान औषधीय औषधालय की खेती करना। इसके लिए वे किसानों को विशेषज्ञ बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि यदि अधिक किसान औषधीय औषधियां हैं, तो क्षेत्र को टैग भी मिल सकता है। इससे स्थानीय औषधीय जड़ी-बूटियों की मांग अंतरराष्ट्रीय उद्यमियों में होती है, और किसानों को अधिक लाभ होता है।
विदेशी बाज़ार तक पहुँच का सपना
बंटी सिंह का मानना है कि अगर इस क्षेत्र में औषधीय सब्जियों की खेती को बढ़ावा दिया जाए, तो यहां के किसान अपने कलाकारों को भी शामिल कर सकते हैं। इससे स्थानीय किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध होने का अवसर मिलेगा।
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पहले प्रकाशित : 17 सितंबर, 2024, 24:59 IST