क्राइम

यात्रियों की जेब के आधार पर तय करें चमत्कार की फीस, अब तक लाखों के बारे में न्यारे, 7 अरेस्ट, कई की तलाश जारी

आईजीआई हवाई अड्डा समाचार: इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के इतिहास में शायद पहली बार फ़ायर वीर से जुड़े तीन बड़े सिंडिकेट का भंडाफोड़ हुआ है। यह सिंडिकेट विदेश जाने को पहले अपने जाल में फंसाता था, फिर अपने खातों के हिसाब से स्वामी की फीस तय करता था। इन आदिवासियों से लाखों रुपये वसूलने के बाद इस सिंडिकेट के एजेंट शहजादों को फ़ायर सरदार और टिकटें थमा देते हैं। वहीं जब यह नागालैंड हवाई जहाज़ के जहाज़ तो उन्हें शत्रुतापूर्ण विदेशी गंतव्यों के पीछे भेजा जाता था।

आइटीआइ एयरपोर्ट पुलिस ने इस सिंडिकेट का भंडाफोड़ कर न केवल एजेंट को गिरफ्तार किया है, बल्कि फर्जी मीरर तैयारी करने वाली कंपनी का प्रमोशन भी कर लिया है। इस मामले में अब तक जिन सात लोगों की गिरफ़्तारी हुई है उनमें मनोज मोंगा, शिवा गौतम, नवीन, बलवीर सिंह, जस विद्यार्थी सिंह, स्टूडियो अली और संदीप कुमार का नाम शामिल है। इमसें मनोज मोंगा फिलीपीन के तिलक नगर में रहते हैं। शिवा नेपाल मूल से है और बाकी सभी प्लास्टिक हरियाणा के हैं और नहर में रहने वाले हैं।

आईजीआई एयरपोर्ट की शौक़ीन उषा रंगानी के, गिरफ़्तार चारदीवारी में नवीन और स्टूडियो हरियाणा-पंजाब के सपनों के अनुसार विदेश की आलिया जिंदगी का सब्जबाग अपनी जाल में फंसाते थे। वह शिवा नेपाली मूल के नागरिकों को विदेश विभाग के नाम पर अपने जाल में फंसाता था। शिव खुद नेपाली मूल का नागरिक है। पूरी तरह से अपने जाल में फंसने के बाद यह लोगों के निवेश के खाते से स्वामी की फीस तय करते थे। ये दोनों मंत्री और टिकट के नाम पर हर यात्री से कम से कम 7 लाख रुपये तो वसूलते ही थे।

स्कूटर ने बताया कि यात्रियों से रुआब की मुलाकात के बाद स्टार्स, नूतन और शिवा फ़ायर वज़ीर के लिए बल अकादमी से मुलाकात की गई। बल सहायक फ़र्ज़ी वर्जिन बनाने का काम मनोज को तीसरी बार मिला। मनोज से एक ग्राफिक डिजाइनर है. वह एंटरप्राइज़े देश का हूबहु वर्जिन तैयार करने के लिए फोर्स एनालिस्ट के तौर पर काम कर रही थी। इमीगेशन जांच जांच के दौरान फ़ायरविज़ार शिप में ना आए, इसके लिए मिर्ज़ में सभी प्रोटोटाइप फ़ीचर भी डाले गए थे। वैराइटी तैयार होने के बाद जस अमीडिया का काम शुरू हुआ। जसस इन चमत्कारी को मनोज से बलबीर तक की सलाह का काम करना था।

शत्रु ही बलवीर फ़ायरवीर वीर लागे पासपोर्ट स्टूडियो, शिवा और नवीन के प्रवेश द्वार थे। इसके अलावा यह तीन एजेंट यात्रियों से पूरी तरह से ले जाने के बाद फ़र्ज़ी वज़ीर लागे पासपोर्ट और एयर टिकट यात्री डायनासोर दिए गए थे। इस तरह, यह सिंडिकेट अब तक कई सौ लोगों को अपने जाल में फंसा चुका है। गिरफ़्तार के दौरान पुलिस ने उनके व्यवसाय से विभि वैज्ञानिक वैज्ञानिकों के नाम जारी किए 30 फ़्रैंक स्टीकर सरदार, 23 रबर स्टाम्प, इटली के 3 फ़्राईचेंट परमानेंट रजिस्ट्री कार्ड, विभी फ़्रांसिस्को स्टीकर स्टीकर मास्टर, 23 रबर स्टाम्प, इटली के 3 फ़्रैंचाइज़ी परमानेंट रजिस्ट्री कार्ड, विभी एबस्टॉसिंग मशीन, अल्ट्रा-वायलेट (यूवी) विशेषता एम्बॉस्टिंग मशीन, 14 मूल ऑरिजनल भारतीय पासपोर्ट, 2 मूल ऑरिजनल भारतीय पासपोर्ट बरामद किये गये।

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