दिल्ली के नेहरू विहार में टूटी सड़कों और गंदगी की समस्या से लोग परेशान – अमर उजाला हिंदी न्यूज़ लाइव
अमर उजाला संवाद कार्यक्रम
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उत्तरी-पूर्वी दिल्ली के नेहरू विहार इलाके की टूटी-फूटी गलियाँ, गरीब सड़कों से लोग परेशान हैं। जगह-जगह पुरावशेषों में नालियां ओवरफ्लो हैं। इस इलाके में दुर्गंध फेल रही है। इसके बीच से ही लोग जाने को मजबूर हैं। ऐसे लोगों को आने-जाने में विषम परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां की बड़ी आबादी वाले देशों की जनसमस्याओं से यात्रा जारी है। इलाके में रहने वाले लोगों का कहना है कि वे साफ पानी पीने के मोहताज हो गए हैं। पार्कों में लॉटरी का अंबार है। इसके चारो ओर की फाइलें लगी हुई हैं। बसहारा पशु का झुंड लगा है। स्थानीय निवासियों ने शुक्रवार को अमर उजाला संवाद कार्यक्रम में अपने किसानों के हितों पर फ्रैंक बात की।
जवाहरलाल नेहरू विहार में करीब तीन हजार से ज्यादा घर हैं। यहां 10 हजार से ज्यादा लोग रहते हैं। इलाके की महिलाओं ने कहा कि उनकी सुरक्षा सबसे बड़ी है। रात के समय कई जगहों पर स्ट्रीट लाइट खराब है। इससे रात के समय कहीं भी जाने से डर लगता है। उनका कहना है कि यहां अलग-अलग राज्यों से पढ़ने के लिए छात्र-छात्राएं आते हैं, लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है। अन्य, युवाओं और युवाओं ने कहा कि पार्क की दुर्दशा है। इससे वह साय नहीं कर पाती हैं। जबकि युवाओं को खेल से दूर रखा गया है। लोगों ने बताया कि वह इस मामले में दिल्ली नगर निगम से लेकर लोक निर्माण विभाग के पास चक्कर लगाने से थक गए हैं। उनके ऑपरेशंस को प्लॉट वाला कोई नहीं है।
सभी नेहरू विहार रेलवे के राजीव सहगल ने बताया, ‘मैं 1984 से यहां रह रहा हूं, लेकिन 10-12 साल से इस इलाके की स्थिति पर कोई ध्यान नहीं दे रहा हूं। सड़क टूटने से कई बार कैरिकेचर, डोपहिया वाहन पलट जाते हैं। इन्हें शामिल करना शामिल है। हम संस्था प्रशासन-प्रशासन से यही मान्यता रखते हैं कि यहां की समस्याओं को दूर किया जाएगा।’
ऑल नेहरू विहार आरडब्ल्यूई के प्रधान ने कहा, ‘चालीस साल से यहां हूं।’ नालों की सफाई- सफाई नहीं हो रही है। बरसात में सड़कें बर्बाद हो गईं। ट्रेंडी बच्चे मिलते हैं तो उन्हें आने-जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अपनी समस्या को लेकर सबके पास चले गए, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है।’
डी-ब्लॉक नेहरू विहार आरडब्ल्यूई के प्रमुख ने कहा, ‘यहां अलग-अलग राज्यों से पढ़ने के लिए छात्र आते हैं। ये लोग आगे के अधिकारी बने हुए हैं, लेकिन जब उन्हें कोई सुविधा नहीं मिलती तो वो कैसे ठीक से पढ़ सकते हैं। पुराने में तीन गन्ने हैं कि डर लगता है, कहीं को भी असामान्य घटना न घट जाए। यहां की गलियां और गलियों की जल्द ही वसूली होनी चाहिए।’
नेहरू विहार में रहने वाले सचिन मावी ने कहा, पहले यहां बस स्टैंड होता था, सोनम आती थी। लेकिन जब से सड़कों का नवीनीकरण किया गया तो कोई बस यहां नहीं आया। ऐसे लोगों को कई किलोमीटर तक पैदल यात्रा करनी पड़ती है। ‘लेकर दावा तक के पास चले गए, लेकिन कोई भी शिकायत सुनने के लिए नहीं है।’
नेहरू विहार में रहने वाली पूजा ने बताया, ‘पेड़ों के तने घर तक पहुंच गए हैं। लेकिन, कोई भी अपनी राय नहीं दे रहा है। महिला सुरक्षा के लिए यहां कुछ नहीं है। हर समय मन में डर बना रहता है। सुरक्षा के लिए यहां पुलिस को कुछ करना चाहिए।’ वहीं, रेखा ने बताया, ‘नेहरू विहार में रहने वाले लोग ओवरफ्लो हैं। एस्ट्रोलॉजी में नालियों का पानी भर रहा है। लेकिन, कोई देखने वाला नहीं है। इससे जल जनित स्थिर फ़ेल रही हैं। घर का काम या जनसमस्याओं को दूर करने के लिए आवाज उठाएं। महिलाओं की सुरक्षा का भी यहां है बड़ा सवाल। पार्कों में खुलेआम असामाजिक तत्वों का बोलबाला है। इससे महिलाएं पार्क जाने से कतराती हैं।’