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बादल फटने से केदारनाथ के रास्ते में फंसे 1500 श्रद्धालु – अमर उजाला हिंदी न्यूज लाइव

बादल फटने से केदारनाथ के रास्ते में 1,500 श्रद्धालु फंसे

केदारनाथ में यात्रियों को चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से सुरक्षित रवाना किया गया
– फोटो : अमर उजाला

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उत्तराखंड में बादलों के झुंड में मची तबाही में द्वीप समूह के चिनुक और समूह 17 के कलाकारों को भी भगाया गया है। आस्था के रास्ते में 6,980 से अधिक तीर्थयात्राएं अब तक सुरक्षित प्रस्थान कर चुकी हैं, जबकि अभी 1,500 से अधिक तीर्थयात्री और स्थानीय लोग यात्रा मार्ग में जहां-तहां जा चुके हैं। इनमें से 150 लोगों से उनके अवशेषों का संपर्क नहीं हो रहा है। वहीं, हिमाचल प्रदेश में क्रिस्टल रिक्रूट से आई तबाही में मारे गए तीन लोगों की संख्या 8 हो गई है और 45 लोग अभी भी लापता हैं।

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सोन प्रयाग के पुलिस अधीक्षक डाॅ. विशाखा अशोक भदाने ने बताया कि अतिवृष्टि से अभी तक एक यात्री की मौत की खबर है। इसके अलावा कोई अन्य कैज़िट नहीं हुआ। 150 से अधिक लोगों के अवशेषों से पुलिस को पता चला है कि उनके लोगों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। ये सभी अवकाश यात्रा पर आये थे। इन लोगों में कई स्थानीय भी हैं। एसपी का कहना है कि क्षेत्र में मोबाइल से संपर्क नहीं हो पा रहा है। इससे पहले, राज्य के आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया था कि घाटी में अभी 1,000 लोग फंसे हैं, लेकिन वे पूरी तरह से सुरक्षित हैं। वहाँ आपदा जैसी कोई स्थिति नहीं है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री धामी से टेलीफोन पर बात की। वे आपदा के बाद चल रहे राहत और बचाव श्रमिकों की जानकारी ली। साथ ही उदाहरणों से झलक में हर संभव मदद का भरोसा दिया। सीएम धामी ने बताया कि उनके अनुरोध पर वेस्ट इंडीज के चिनूक और बिल्डर्स 17 बिल्डरों को भी बचाव अभियान में छोड़ दिया गया है।

हवाई-पैडल मार्ग से चल रहा आरक्षण कार्य

रेलवे स्टेशन के साथ ही पैदल मार्ग से भी तेजी से मोक्ष कार्य चल रहा है। अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को 599 लोग हवाई मार्ग से और 2,380 लोग पैदल मार्ग पर सुरक्षित स्थान पर पहुंचे।

  • सोन प्रयाग के मेमोरियल सौरभ गहरवार ने बताया कि पैदल मार्ग से छोटे-बड़े समुदाय के यात्रियों को पैदल मार्ग से भेजा जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने गौरीकुंड, सोनपुर और शेरसी में 286 बीमार यात्रियों का इलाज किया।

भीमबली में 20-25 मीटर मार्ग बहा

रविवार की रात करीब साढ़े बजे लिनचोली के निकटवर्ती जंगलचट्टी में बादल प्रतिबिंब से गौरी कुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर भारी बारिश के बाद भीमबली में 20-25 मीटर का मार्ग बाह और पहाड़ों से बड़े-बड़े पत्थर चला गया। इसके बाद रामबाड़ा, भीमबली लिनचोली का रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया। प्रतिबिंब से 30 मीटर की सड़क मंदाकिनी नदी में एल्बम यात्रा रूट का समागम है। इसकी बड़ी संख्या में तीर्थयात्री गौरीकुंड-केदारनाथ यात्रा मार्ग पर भीमबली से आगे फंस गए थे।

निरीक्षणों पर पालतू लोगों को बांटते जा रहे खाद्य पदार्थ

जिला प्रशासन की ओर से पर्यटक यात्रियों के लिए पैदल यात्रा मार्ग और अन्य यात्रा पर्यवेक्षणों पर भोजन की व्यवस्था की जा रही है। जिला उत्पाद अधिकारी केएसी माइकल ने बताया, क्रीड़ा, लिनचोली, भीमबली, सोन प्रयाग, शेरसी, गुपकाशी और चौमा सहित अन्य स्थानों और यात्रा पर्यवेक्षणों पर शुक्रवार दोपहर तक लगभग 18,000 फ़ायर-चिपकने वाले उपकरण और 35,000 पानी की बोतलें उपलब्ध हैं। इसके अलावा जीएमवीएन एवं स्थानीय आदिवासियों के सहयोग से विभिन्न स्थानों पर भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।

हिमाचल में मृतकों की संख्या 8 हुई, 45 अब भी लापता

अधिकारियों ने बताया कि तीन और वस्तुएं बरामदगी के साथ, व्यापारी, मंडी पधर और ट्रस्ट के हार्डवेयर उपमंडल के निर्मंड, सैन्ज और मलाणा क्षेत्र में अचानक आई बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या आठ हो गई है। 45 लोग अभी भी लापता हैं। वे प्रोटोकाॅल की तलाश में हैं। मुख्यमंत्री सुख इमाम सिंह सुखू ने समग्री जिले की सीमा पर स्थित सैमेज मंदिरों का दौरा किया। उन्होंने बताया कि लापता लोगों में 17-18 महिलाएं और 8-9 बच्चे शामिल हैं। उन्होंने प्रति माह 50 हजार रुपये की स्थायी राहत और अगले तीन महीने तक 5,000 रुपये प्रति माह की आय की भी घोषणा की। इसके अलावा, गैस, खाद्य सामग्री और अन्य आवश्यक सामग्री पर भी कर लगाया जाएगा।

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