15 दिन में राज्यपाल बनाओ नहीं तो…बीजेपी को पूर्व न्यूनमुना ने दे दिया अल्टीमेटम
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले ही बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी को अंतिम रूप दे दिया है। खबरें हैं कि आनंदराव अडसुल ने साफ कर दिया है कि अगर उन्हें राज्यपाल नहीं बनाया गया तो वह पूर्व सांसद नवनीत राणा के मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। अडसुल ने पहले भी दावा किया था कि उन्हें गवर्नर बनाने की पेशकश की गई थी।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अडसुल ने मंगलवार को बीजेपी को चेतावनी दी है कि अगर 15 दिन में गवर्नर नहीं बनाया गया तो वह सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन के मामले में राणा के जाति प्रमाण पत्र के मामले में फैसला लेंगे। खास बात यह है कि अप्रैल में ही शीर्ष अदालत ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया था, जिसमें उनकी स्टेक यानी एससी की मान्यता को रद्द करने की बात कही गई थी।
रिपोर्ट के अनुसार, अडसुल ने कहा, ‘उप प्रमुख गणमान्य सदस्यों ने मुझ पर विश्वास किया कि गवर्नर की मेरी पेशकश होगी। केंद्रीय जांच अधिकारी अमित शाह ने भी मुझे सदस्यता दी थी, लेकिन कोई वादा पूरा नहीं हुआ। मैं हमेशा इंतजार नहीं कर सकता। मैं अगले 15 दिन और इंतजार करूंगा, लेकिन इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ न्यायिक साक्ष्य और नवनीत राणा के जाति प्रमाण पत्र के खिलाफ याचिका दायर की जाएगी।’
अखबार के मुताबिक, अडसुल ने मई में दावा किया था कि अमरावती सीट से हटने का दावा उनके लिए अमित शाह ने राज्यपाल पद का वादा किया है। खास बात यह है कि अडसुल दो बार अमरावती सीट से जीत गए हैं। 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राणा को इस सीट से मैदान में उतारा था। सीट पर दावा छोड़ने वाले अडसुल का कहना था कि बीजेपी ने शिवसेना से दो केंद्रीय मंत्री पद और दो राज्यपालों का वादा किया था, लेकिन कोई पूरा नहीं हुआ।
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम सहयोगियों ने एक पत्र भी लिखा था, जिसमें राज्यपाल ने कथित तौर पर अपनी वकालत की थी। उनका दावा था कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को पत्र भेजा गया था, लेकिन इसे रद्द कर दिया गया। इस बार उन्होंने कहा, ‘फडणवीस के वादे को 25 महीने पूरे हो चुके हैं और अमित शाह के वादे को महीनों से भी ज्यादा समय बीत चुका है…’ अब मैं और ज्यादा इंतजार नहीं करूंगा।’