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दिल्ली कोचिंग केस: जांच के लिए मौके पर पहुंची सीबीआई की टीम – अमर उजाला हिंदी न्यूज लाइव

दिल्ली कोचिंग केस: जांच के लिए मौके पर पहुंची सीबीआई की टीम

सह-लेखक की टीम
– फोटो : एनी

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दिल्ली के पुराने रेजिडेंट नगर में स्थित एक रीच कोचिंग इंस्टीट्यूट के बेसमेंट में 27 जुलाई को डूबने से तीन यूपी के सहायकों की मौत का मामला सामने आया था। टीम यहां गहनता से जांच कर रही है।

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दिल्ली उच्च न्यायालय में इस मामले की सुनवाई हुई, जहां घटना की जांच एजेंसी केंद्र को अभियोजन का निर्णय हुआ। इस दौरान कोर्ट ने दिल्ली सरकार से लेकर दिल्ली पुलिस और एमसीडी तक को केस दर्ज कराया और कई सवाल पूछे। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि तीन करोड़ से ज्यादा आबादी वाली दिल्ली को और अधिक आधुनिक भौतिक और बुनियादी ढांचे की जरूरत है। दिल्ली में कई अधिकारी हैं जो केवल एक दूसरे पर दोष मढ़ते हैं।

दुर्घटना के बाद क्या-क्या कार्रवाई हुई?

घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने गैर इरादतन हत्या और डकैती के आरोप में राव डायकी के मालिक अभिषेक गुप्ता और समन्वयक देशपाल सिंह पर मामला दर्ज किया। 28 जुलाई को पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया।

अगले दिन एक और कार्रवाई में दिल्ली पुलिस ने पांच और लोगों की गिरफ़्तारी की। 29 जुलाई को गिरफ्तार किये गये लोगों में तहखाने के चार सह-मलिक और एक राहगीर मनोज कथूरिया शामिल थे। हालाँकि, दिल्ली की तीस हज़ारी अदालत ने गोरखा के ड्राइवर मनोज कथूरिया को 1 अगस्त को ज़बरदस्ती दे दी। मनोज पर आरोप था कि उन्होंने अपनी कार को बारिश के पानी से भरी सड़क पर गिरा दिया, जिससे पानी बढ़ गया, कोचिंग सेंटर की तीन इमारतें टूट गईं। बेस में पानी की घोषणा से तीन दिव्यांगों की मौत हो गई थी।

29 जुलाई को ही गृह मंत्रालय ने घटना की जांच के लिए एक समिति का गठन कर दिया था। कहा गया था कि समिति की जांच समिति, जिम्मेदारी तय करना, उपाय सुझाना और नीतिगत बदलावों की जांच करना। इसी बीच, दिल्ली पुलिस ने घटना के संबंध में दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को नोटिस भेजा था। नगर निगम को नोटिस में पुलिस ने क्षेत्र में जल व्यवस्था से संबंधित डॉक्युमेंट पत्रिका जारी की है और यह भी पूछा है कि कौन सा अधिकारी जिम्मेदार है। नोटिस में यह पूछा गया था कि क्षेत्र में सफाई सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी किसकी है और यह कार्य किस आधार पर किया गया था।

घटना के बाद बुलडोजर से कोचिंग सेंटर के पास से सामान हटा दिया गया। कई अन्य संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की गई। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने घटना की जांच के लिए दर्ज की गई दर्ज की गई जांच में कई फोटोग्राफरों की तस्वीरें लीं। हालाँकि, तीन अगस्त को दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया कि अनुसंधान की जाँच की गई है।

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