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गाज़ीपुर ड्रेन मौत मामले में एचसी ने डीडीए, एमसीडी और पुलिस द्वारा कार्रवाई न करने पर नाराजगी व्यक्त की – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव – रांची मामला: एचसी ने डीडीए, एमडीडी और पुलिस पर कार्रवाई न करने पर नाराजगी व्यक्त की, कहा

गाजीपुर नाले में मौत का मामला: डीडीए, एमसीडी और पुलिस द्वारा कार्रवाई न किए जाने पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी

दिल्ली उच्च न्यायालय
– फोटो : अमर उजाला

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दिल्ली हाई कोर्ट ने एक महिला और उसके बेटे की मौत के बाद एमसीडी, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और दिल्ली पुलिस की खानदानी की हत्या कर दी, जिसका कारण यह है कि यहां एक महिला और उसके बेटे की मौत हो गई। कोर्ट ने चेतावनी दी कि यदि नगर निगम अपने संगठन का पालन करने में विफल रहता है तो वह एमसीडी के अधिकारियों को निलंबित करना शुरू कर देगा।

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कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश अर्थशास्त्री और डेमोक्रेट तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि मिर्ज़ा क्षेत्र में नालों को ढालने या बैरिकेडिंग करने में अधिकारी विफल रहे हैं। प्रियंका ने क्षेत्र के लिए जिम्मेदार एमसीडी डिप्टी कमिश्नर से बातचीत करने के बाद टिप्पणी की कि वह सरकार से निगम को भंग करने के लिए कहेंगी। इसमें कहा गया है कि नगर निगम के अधिकारियों को आपराधिक प्रतिस्पर्धा का मामला दर्ज करना चाहिए।

अरामाकाय क्लब एमसीडी बन गया

पृष्ण ने कहा, ‘एमसीडी एक आरामदायक क्लब बन गया है, जहां आप एक कप चाय खरीदने जाते हैं और वापस आ जाते हैं। मैं आपको सही बता सकता हूं कि अगर यह व्यक्ति (कोर्ट में मौजूद डिप्टी कमिश्नर) कार्यालय में नहीं आता है तो इससे ग्राउंड फ्लोर पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मुझे लगता है कि यह एक ऐसा मामला है जहां हम सरकार से कहेंगे कि एमसीडी को भंग कर दिया जाना चाहिए।’

दिल्ली पुलिस और डीडीए पॅलेज़ करे रिपोर्ट

प्रियंका ने कहा, दिल्ली में हालात ऐसे ही चल रहे हैं? कैबिनेट कमेटी की कोई तारीख नहीं है, स्टैंडिंग कमेटी की कोई तारीख नहीं है। अगर कैबिनेट और स्टैंडिंग कमेटी की बैठक नहीं हो रही है तो बजट कैसा होगा? ऐसा ही है जैसे हम कह रहे हैं कि हमारी अदालत बिना बैठे ही मामलों का फैसला करेगी। कोर्ट ने अंततः एमसीडी के इलाके को खाली करने और बैरिकेड्स लगाने का आदेश दिया, ताकि खुली खुली दुर्गम हो सके। दिल्ली पुलिस और डीडीए को भी मामले में स्थिति रिपोर्ट आवेदन करने का आदेश दिया गया है।

यह पुलिस जांच का मामला है

पृष्णि ने कहा कि उन्हें इस निर्णय से कोई मतलब नहीं है कि जिस क्षेत्र में बिल्डर्स का कब्जा है, वह एमडीडी या डीडीए के अधिकार क्षेत्र में है या नहीं, क्योंकि यह पुलिस जांच का मामला है। पृषी जू एलओवी के नेतृत्व में व्यक्तिगत मित्रता पत्र पर विचार कर रही थी, जिसमें महिला और उसके बेटे की नाली में पानी और डूबने के कारण डीडीए और एमसीडी के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, तनुजा नामक 22 साल की महिला और उसके 3 साल के बेटे प्रियांश की नाले में डूबने से मौत हो गई।

150 मीटर नीचे मिला शव

दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया कि मृतक के शव नदी में गिरे थे और उनका शव करीब 150 मीटर नीचे मिला था। अदालत ने मामले में पुलिस की जांच पर भी अपनी गवाही दी और कहा कि पुलिस केवल नगर निगम के अधिकारियों को नोटिस भेज रही है और जब्ती कर रही है या अधिकारियों से पूछताछ के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।

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