कोलकाता कांड में ममता सरकार से कहां-कहां हुई गलती? ये 10 गलतियां कैसे पड़ी भारी
पश्चिम बंगाल के कोलकाता में आरजी कर अस्पताल के अंदर जघन्य कांड को लेकर विरोध की लहर लगातार बढ़ रही है। कोलकाता में प्रदर्शन शुरू हुआ अब मुख्यधारा में चल रहे हैं। आज सुप्रीम कोर्ट ने एक और मामले में बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को झटका दिया। कोलकाता कांड के बाद राज्य सरकार बैकफुट में है और दबाव का सामना कर रही है। महिला वैज्ञानिक डॉक्टर से लेकर नैतिकतावादी की घटना को आत्महत्या का प्रस्ताव, अपराध स्थल के पास निर्माण कार्य और आलोचकों को खतरनाक नैतिकता ममता सरकार की वो 10 गलतियां हैं, जो अब उन पर भारी पड़ रही हैं।
कोलकाता के आरजी कार में एक जूनियर डॉक्टर के साथ वीभट्स रेप और हत्या की घटना को अंजाम दिया गया। इस घिनौने कांड को हुए 10 दिन से ज्यादा चले हैं और देश भर में विरोध प्रदर्शन और भी तेजी से होते जा रहे हैं। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को हटा दिया। शीर्ष अदालत ने इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार के कथित अभद्रता और महंगाई रवैए के लिए याचिका दायर की। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार को सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि आरजी कर हॉस्पिटल में गुंडागर्दी करने वाले चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए।
उधर, ममता बनर्जी ने इस अस्थिर और स्थापत्य को राजनीतिक रणनीति के रूप में निर्धारित किया है। हालाँकि ममता सरकार पर आरोप और अनसुलझे सीधे सीधे अपनी सरकार पर सहमति की ओर इशारा कर रहे हैं। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को जघन्य अपराध के बाद से कम से कम 10 घटनाएं और गलतियां सामने आई हैं, जो ममता बनर्जी प्रशासन और कोलकाता पुलिस की नाकामी को उजागर करती हैं।
हत्याकांड को अंतिम रूप देने का प्रयास
आरजी कर अस्पताल में हुई जघन्य अपराध की शुरुआती जांच से लेकर सच्चाई को छुपाने की कोशिश कोलकाता पुलिस की खामी है। महिला छात्र डॉक्टर के रेप-हत्या को आत्महत्या का प्रयास किया गया। कलाकार के माता-पिता ने आरोप लगाया कि उन्हें अस्पताल प्रशासन द्वारा फोन करके जानकारी दी गई कि उनकी बेटी की मौत हो गई है। जबकि, अस्पताल के दीक्षांत समारोह में महिला चिकित्सक के रूप में अर्धनग्न शव की नियुक्ति इस बात की पुष्टि करती है कि इस वैज्ञानिक घटना के पीछे गहराई की व्यवस्था थी और अस्पताल प्रशासन ने इसे आत्मघाती सलाहकार आदाने का प्रयास किया था।
इतने ही नहीं प्लास्टर के शरीर पर चोट के निशान और कई निशान थे। आंख, मुंह और गुप्तांग से खून बह रहा था। ये हैं कारण- जो बताते हैं कि महिला डॉक्टर के साथ ज्यादती की गई। बाद में फ्रैंक की रिपोर्ट में सामने आया कि महिला डॉक्टर के साथ कई लोगों ने बलात्कार किया और फिर जंगल से हत्या कर दी।
माता-पिता प्रतीक्षा कर रहे हैं और जल्दीबाजी में अंतिम संस्कार कर रहे हैं
प्रोजेक्ट के माता-पिता को जब सूचना दी गई कि वे देश के औद्योगिक अस्पताल हैं। उन्होंने तीन घंटे तक अपनी बेटी का शव नहीं देखा। कलाकार की मां ने खुलासा किया कि जब उन्होंने बेटी का शव देखा तो उसका पेंट खुल गया था और शरीर पर चोट के निशान पड़ गए थे। उन्होंने अस्पताल प्रशासन के अधिकारियों से कहा कि ये आत्महत्या नहीं हो सकती. फैक्ट्रियों के पिता ने आरोप लगाया कि बेटी के शव का जल्दी ही अंतिम संस्कार कर दिया गया। रावण ने कहा कि श्मशान घाट पर तीन शव पहले थे लेकिन, पहले मेरी बेटी के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। माता-पिता ने कोलकाता पुलिस की जांच में जल्दीबाजी में चोरी का भी आरोप लगाया।
जांच में
पुलिस ने राकेश के माता-पिता को पहले बताया कि वह आत्महत्या कर चुका है, लेकिन बाद में पता चला कि उसके साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। इस घिनौने कांड के बाद घोर कुप्रबंधन और उसके बाद के मामले में जेल के प्रयास ने पुलिस के ताले और न्याय के बारे में गंभीर सवाल उठाए हैं। पुलिस पर हस्ताक्षर नष्ट करने का आरोप भी लगाया गया है। डायनासोर द्वारा रचित डायरी भी शामिल है। फैक्ट्रियों के पिता ने लगाया आरोप कि डायरी का एक पन्ना फटा था।
एस्ट्रोसेज की घोषणा से नाराज हुए माता-पिता
सीएम ममता बनर्जी द्वारा पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिए जाने से माता-पिता नाराज हो गए। स्टॉकहोम के पिता ने कहा कि वे सिर्फ न्याय चाहते थे, स्टॉकिस्ट नहीं? उन्होंने कहा कि वो अपनी बेटी के शव के लिए किसी भी सूरत में स्मारक को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, ”मुख्यमंत्री मेरी बेटी के लिए न्याय की मांग करते हुए सड़कों पर घूम-घूम कर लंबी-लंबी बातें करती हैं। क्या आप लोगों से डरती हैं? हमारे पास ऐसे प्रश्न हैं जिनका जवाब मिलना चाहिए।”
अपराध स्थल के पास निर्माण कार्य
आरजी कर मेडिकल कॉलेज के मान्यता हॉल में हुई आतिशबाजी की घटना के तुरंत बाद जब वहां तीव्र विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ, तो अस्पताल के पास निर्माण कार्य शुरू हो गया। विचारधारा हॉल से शतरंज की दीवार का एक हिस्सा चला गया। इस अलैहिस्सलाम ने आरोप लगाया कि यह गुप्त विध्वंस का प्रयास है। उनका कहना था कि इतनी महत्वपूर्ण जांच के दौरान अचानक मिन्ट कार्य शुरू हो गया है?
अच्छी पोस्टिंग के बजाय एक्शन पर एक्शन
ममता बनर्जी सरकार पर आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के उद्घोषक संदीप घोष पर भी आरोप लगे हैं। इस पर भी ममता बनर्जी सरकार की कड़ी आलोचना हो रही है। संदीप घोष के खिलाफ कोई विशेष कार्रवाई नहीं की गई। इसके बजाय, उन्हें खाली करने के कुछ ही घंटे बाद उन्हें प्रतिष्ठित कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया।
अस्पताल में प्रवेश शास्त्र के आरोप
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अन्य वकीलों ने रेप-मर्डर घिनौने कांड के बाद गड़बड़ी का अंदेशा हंगामा और तुरंत विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस प्रदर्शन के पीछे उद्देश्य का पता लगाने के बजाय राज्य सरकार ने आलोचकों पर हमला करके जनता पर आपत्तिजनक आरोप लगाने का आरोप लगाया। महिलाओं की सुरक्षा, सुरक्षित कार्य वातावरण के बारे में लंबे समय से चल रहा है और विपक्ष को दूर करने और नामांकन टोकन के बजाय ममता सरकार ने तत्काल काम पर दबाव डालने की अपील की है।
14 अगस्त की रात साक्ष्य विध्वंस का प्रयास
बलात्कार और हत्या के कुछ दिनों बाद जब पूरे कोलकाता शहर में न्याय के लिए विरोध प्रदर्शन हो रहे थे, उसी समय 14 अगस्त की रात को शराब का प्रदर्शन अचानक से बदल गया। सैकड़ों की संख्या में लोगों ने अस्पताल और पथराव और तोड़फोड़ की। करीब 40 मिनट तक अस्पताल के बाहर रिलीज जारी रही। इस दौरान अस्पताल के अंदर कर्मचारी और मरीज़ों की सांसें अटकी रहीं। उधर, कोलकाता पुलिस पर ढिलाई एस्टेट का आरोप लगा। हालाँकि इस अनबन में 14 लोग घायल हो गए। भाजपा ने आरोप लगाया था कि “टीएमसी के गुंडों” की हत्या की गई थी, जो अपराध स्थल से साक्ष्य प्राप्त करना चाहते थे।
नेताओं के दावे, सैकड़ों को नोटिस
14 अगस्त की रात आरजी कर अस्पताल में हुई हिंसा के बाद कोलकाता पुलिस कमिश्नर ने सीधे मीडिया को दोषी ठहराया। इसके अलावा, तोड़-फोड़ के अलावा, तेलंगाना कांग्रेस के मंत्री उदयन गुला ने ममता पर आरोप लगाया कि “उंगलियां” की धमकी ने आग में घी का काम किया। कोलकाता पुलिस ने जूनियर डॉक्टर की “तस्वीरें या पहचान करने” की आलोचना करते हुए सोशल मीडिया पर प्रभावितों, यूट्यूबर्स, छात्रों और शिक्षामित्रों सहित कई लोगों पर कार्रवाई की। यहां तक कि समाजवादी कांग्रेस के डेमोक्रेट को भी समर्थन नहीं मिला। कोलकाता पुलिस ने सुखेंदु शेखर रॉय को दो नोटिस भेजे। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों से कुल 280 लोगों को नोटिस जारी किया गया और विरोध प्रदर्शन करने वाले राज्य के एक 23 वर्षीय छात्र को गिरफ्तार किया गया।
सड़क पर उतर ममता, कोलकाता पुलिस का बचाव
कोलकाता में रेप-हत्याकांड को लेकर गंभीर वृद्धि और मामले को लेकर सहमति बनने के बाद मुख्यमंत्री ममता गुड़िया खुद की छुट्टी पर उतरीं। उन्होंने घटना में मौत की सजा की मांग की। साथ ही मामले में पहले जांच कर रही कोलकाता पुलिस का बचाव। ममता बनर्जी ने एक बयान में कहा कि मामले में कोलकाता पुलिस ने 90 फीसदी केस सॉल्व कर लिया है। अब डॉक्यूमेंट्री को सिर्फ प्रोटोटाइप फाँसी तक पहुँचाना है। उन्होंने इस काम के लिए हफ्तेभर की मोहलत भी दे दी।