अभी तक नहीं खुलागा शंभू बॉर्डर, पंजाब-हरियाणा के छात्र-छात्राओं की सूची रही बेनतीजा
पिछले छह महीने से चल रहे किसान आंदोलन के बंद शंभू बॉर्डर को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद आंशिक रूप से अभी तक नहीं खोला गया है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा को आंशिक रूप से सीमा विवाद को कहा था लेकिन आज पटियाला में पंजाब पुलिस और किसानों के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बेनतीजा रही। पंजाब के एडीजेपी लॉ एंड नंबर 30 के दशक में शौकत अहमद पररे व हरियाणा के अधिकारी मौजूद रहे और इस मुद्दे पर मंथन हुआ लेकिन बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला। कहीं, कहीं, कहीं, गुरुवार को इस मामले की सर्वोच्च अदालत में सुनवाई होती है।
हम दिल्ली बिना रुके ट्रॉली नहीं जाएंगेः डल्लेवाल
एक घंटे तक चली साजिश में किसानों ने सासा से कहा कि वे रास्ता नहीं छोड़ते हैं। यह हरियाणा सरकार और पुलिस की तरफ से प्रस्थान किया गया। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि हरियाणा सरकार की रैली से लोगों को फायदा होगा और हम भी दिल्ली जाएंगे। हम दिल्ली में बिना रुके ट्रॉली नहीं जाएंगे क्योंकि ये पुजारी ट्रॉली ही किसानों के घर हैं। ठंड, गर्मी कई तरह का मौसम होता है। हमें दिल्ली में राशन पानी की जरूर बताएं। ऐसे में आतिथ्य को साथ लेकर जाना हमारी मजबूरी है लेकिन हरियाणा पुलिस कह रही है कि आप बिना समाज के दिल्ली जाएं। उन्होंने बताया कि हम अपना पक्ष प्रशासन के समक्ष रखते हैं। प्रशासन ने कहा है कि जल्दी ही इम्प्लांट इंस्टालेशन शुरू हो जाएगा।
कल सुप्रीम कोर्ट में सोनारी तय
पंजाब और हरियाणा को जोड़ने वाले शंभू सीमा के बंद होने के कारण लोगों को भारी परेशानी हो रही है। आदिवासियों के काम प्लास्टिक बंद पड़े हैं और लोगों को भी आने में परेशानी हो रही है। शंभू सीमा मामले की सुनवाई 12 अगस्त को हुई थी। टैब सुप्रीम कोर्ट ने सीमा को आंशिक रूप से चोरी के आदेश दिए थे। कोर्ट सुप्रीमो ने सुनवाई के दौरान कड़ी टिप्पणी की थी कि हाईवेज पार्क की जगह नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एक सप्ताह के लिए बुलेंस, वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, छात्रों, आदि के लिए हाइवे की एक लेन की बुकिंग का ऑर्डर दिया। इसके लिए पंजाब और हरियाणा के अलावा पैलेस, पैलेस और अंबाला की कंपनियों से संपर्क करें। निर्णय लेने को कहा गया था. केस की अगली सुनवाई 22 अगस्त को तय थी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर पंजाब और हरियाणा के पुलिस अधिकारियों और किसानों के बीच सहमति बनती है तो सुनवाई की तारीख का इंतजार करने की जरूरत नहीं है। लेकिन अब आज की बैठक के बेनतीजा रहने के कारण अब इस मामले में सुनवाई होनी तय है।