मिट्टी कैफे: सीजेआई ने अलीना के इस कैफे का उद्घाटन किया था, एलियंस की जिंदगी में बदलाव में है बड़ी भूमिका
रिपोर्ट- विशाल झा
गाजियाबाद: विश्वासपात्र को देखने पर बार-बार मन में यही बात सामने आती है कि उनका जीवन बर्बाद हो गया। अब ये जब तक जिएंगे तब तक स्टॉक पर लाॅकडाउन रहेगा। मिट्टी कैफे लोगों की इस सोच पर भारी नजर आ रही है। नाम बेशक मिट्टी हो लेकिन यहां बैठने की जगह आपको किसी पिज्जा कैफे जैसी ही लगेगी। बेहद ही स्वादिष्ट इस कैफे का खाना है अनोखा ही प्रेरणादायक इस कैफे की पीछे की कहानी भी है।
कॉलेज की एक आदर्श सोच ने बदल दिया सैकडो दुकानदारों का जीवन
यह कैफे रेस्तरां का एक प्लांट सोशल फाउंडेशन का पहला हिस्सा है। कोविड काल के वक्त मिताली कैफे पर चर्चा हुई थी जब इस कैफे द्वारा 60 लाख लोगों को खाना उपलब्ध कराया गया था। सोशल इनिशिएटीव फाउंडेशन की एक सामाजिक पहल के द्वारा देश भर में 35 से अधिक ऐसे कैफे संचालित हो रहे हैं जिनमें कर्मचारी के रूप में कर्मचारी शामिल हैं।
कैफे के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, विश्वविद्यालय और कई बड़े महानगरों में उपलब्ध हैं। इस कैफे का सपना अलीना आलम ने अपने कॉलेज के दिनों में ही देखा था। आज करीब 500 से भी ज्यादा मिलियन इंस्टालेशन से सीधे जुड़े हुए हैं. अब किसी भी व्यक्ति का लोड नहीं बल्कि अपने परिवार का लोड भी अपने आर्किटेक्चर पर उठा रहे हैं।
सीजेआई और राष्ट्रपति भी प्रतिष्ठित हैं
अलीना ने न्यूज 18 लोकल को बताया कि इस कैफे में युवा भी डेकोरेशन की तरह है वो सभी एलियनों द्वारा बनाए गए सामान से ही बना है। लोगों को कैफे का एम्बिएंस काफी पसंद आता है। इसके अलावा ऑलनाइट आइटम्स आइटम्स के खरीदारों के लिए भी एक अलग सी गैलरी है, जो सभी कैफे में मौजूद है, जो कि आइटम्स के द्वारा ही तैयार की जाती है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी चंद्रचूड़ ने अपने जन्मदिन के दिन सर्वोच्च न्यायालय में इस कैफे का उद्घाटन किया था। इसके साथ ही भारत के राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू ने भी राष्ट्रपति भवन में इस कैफे का उद्घाटन किया था। देश के प्रसिद्ध दिग्गज अधिकारी भी इन कैफे में स्थित हैं, यहां तक कि कराची के स्मारकों की महिमा भी नहीं थकते हैं।
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पहले प्रकाशित : 23 अगस्त, 2024, 22:03 IST